दीपक पाठक, बागेश्वर
जहां एक ओर देश—प्रदेश में ऐसे शिक्षण संस्थानों की कमी नहीं है, जो मोटी फीस वसूलने से जरा भी नहीं चूकते। मगर कम संख्या में ही सही, लेकिन ऐसे शिक्षण संस्थान भी हैं, जो सामाजिक दायित्वों से भी सरोकार रखते हैं। ऐसे ही संस्थानों में शुमार है CIMS और UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज, देहरादून। यह नामी संस्थान हर साल 30 से अधिक अनाथ व गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देता है और इस शिक्षण संस्थान ने सामाजिक सरोकार का एक प्रेरणादायी निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार संस्थान कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा देगा।
कोरोना महामारी ने तमाम परिवारों में कहर बरपाया है। इसी कहर से कई बच्चों ने अपने माता—पिता व सगे संबंधी खो दिए और वह अनाथ हो गए। ऐसे में उनके सामने आजीविका, पालन—पोषण व आगे की शिक्षा बरकरार रखने का विकट सवाल खड़ा हो गया है। उच्च शिक्षा के लिए मोटी फीस वहन करना उनके लिए सपना बन चुका है। ऐसे में उनकी शिक्षा का जिम्मा लेकर CIMS एंड UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज देहरादून ने उनके लिए ‘संकटमोचक’ बनने की पहल की है। इस ग्रुप ने कोरोना त्रासदी में अनाथ हो चुके बच्चों को निःशुल्क उच्च शिक्षा देने की घोषणा की है।
ग्रुप के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने बताया कि कोरोना त्रासदी से लड़ने के लिए एक नागरिक के तौर पर उन्हें अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का एहसास है। इसी एहसास से उन्होंने यह पहल की है। उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को वह अपने कॉलेज में विभिन्न कोर्सेस में नि:शुल्क प्रवेश दिलाकर उनकी पूरी पढ़ाई का खर्चा उठाएंगे। उन्होंने बताया कि संस्थान ने फिलहाल ऐसे 100 अनाथ बच्चों को निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है।
कई सालों से चली है नेक पहल
संस्थान पिछले कई सालों से गरीब व अनाथ बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देते आ रहा है। चेयरमैन एडवोकेट ललित जोशी ने बताया कि उनका समूह पहले भी ऐसा करता आ रहा है। संस्थान में गत 8 वर्षों से प्रतिवर्ष 30 से अधिक गरीब व अनाथ बच्चों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा प्रदान की जा रही है। सीआईएमएस विगत 20 वर्षों से प्रदेश मेडिकल और पैरा मेडिकल के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है, जबकि यूआईएचएमटी होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में लगभग 8 साल से उच्च शिक्षा प्रदान कराते आ रहा है।
रोजगार के द्वार भी खुलते हैं यहां
UIHMT और CIMS ग्रुप आफ कालेज देहरादून प्रदेश के युवाओं के लिए एक बेहतर व किफायती विकल्प के रूप में सामने है। खासकर उन बच्चों के लिए, जो हाई रैंक कालेजों में प्रवेश से वंचित रह जाते हैं या अच्छी—खासी फीस के कारण वहां प्रवेश नहीं ले पाते। इतना ही नहीं यह ग्रुप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ ही युवाओें को रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है।
विधायक चंदन राम दास कोरोना संक्रमित, बागेश्वर अस्पताल से देहरादून हुए रेफर
Uttarakhand Breaking : यहां बॉलीवुड अभिनेता मनोज वाजपेयी के टीम सहित पहुंचने का हो रहा विरोध
Uttarakhand : दोस्त से हुई अनबन तो फांसी के फंदे पर झूल गई नर्स, मौत