सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
बागेश्वर महायोजना के कारण लोग भू-उपयोग परिर्वतन नहीं कर पा रहे हैं। जिससे आम आदमी के सपनों का घर बन पाना भी मुश्किल हो गया है। जिससे लोगों में आक्रोश है और उन्होंने मुख्यमंत्री से 26 जुलाई 2021 को जारी शासनादेश को तत्काल बदलने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
जिला विकास प्राधिकरण के अलावा बागेश्वर नगर महायोजना लोगों के लिए सबसे अधिक पीड़ादायक बनी हुई है। स्थानीय लोगों को बिना विश्वास में लिए जिला प्रशासन ने महायोजना तय कर डाली। जिसका खामियाजा अब लोगों को भोगना पड़ रहा है। वह एक अदद घर भी नहीं बना रहे हैं। 26 जुलाई 2021 को जारी शासनादेश में चार हजार वर्ग मीटर भूमि से अधिक के भू-उपयोग को ही बदला जा सकता है। जिसके कारण लोगों की रही-सही उम्मीद भी अब खत्म हो गई है। नगर पालिका अध्यक्ष, सभासद, जिपं सदस्यों और स्थानीय लोगों ने शनिवार को डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा।
उन्होंने कहा कि भू-उपयोग परिर्वतन के शासनादेश को बदला जाए। सौ वर्ग मीटर से 1000 वर्ग मीटर किया जाए। ताकि भू-स्वामियों को भू-उपयोग परिर्वतन की अनुमति प्रदान हो सके। उन्होंने कहा कि चार हजार वर्ग मीटर का मतलब बीस नाली भूमि होता है। पहाड़ में एक व्यक्ति के पास इतनी भूमि होना संभव नहीं है। लोगों के पास आधी नाली से लेकर दस नाली भूमि ही है।
उन्होंने कहा कि इस शासनादेश का लाभ केवल मैदानी क्षेत्रों को ध्यान में रखकर किया गया है। पहाड़ की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में दिए बगैर निर्णय लिए जा रहे हैं। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेश खेतवाल, जिला पंचायत सदस्य रूपा देवी, सभासद धीरेंद्र परिहार, मनोज साह, भुवन चंद्र कांडपाल, हिम्मत सिंह, पूजा आर्य, इंद्रा परिहार, रेखा देवी, नीमा दफौटी, बबीता पांडे, प्रेम सिंह हरड़िया आदि मौजूद थे।