सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जंगली सुअरों के आतंक से किसान परेशान हैं। वह काश्तकारों की मेहनत पर लगातार पानी फेर रहे हैं। उन्होंने वन विभाग से जंगली सुअरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
कांडा, काफलीगैर, बागेश्वर के तमाम गांवों में जंगली सुअरों का आतंक छाया हुआ है। छनापानी, बमडाना, लेटी, शीशाखानी, अमसरकोट, क्वैराली, चामी, डोबा, चौहाना और सिलाटी गांवों में किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसानों का कहना है कि पहाड़ पहले से पलायन का दंश झेल रहे हैं। कुछ लोग खेती कर रहे हैं, लेकिन उनकी फसलें भी बर्बाद होने लगी हैं। उन्होंने कहा कि जंगली सूअरों ने अदरक, धान, मक्का, गडेरी, मिर्च की फसल खराब कर दी है। सिलटी गांव में 16 परिवार अन्य पिछड़ा जाति के रहते हैं जो कि अपनी कठोर मेहनत के लिए जाने जाते हैं। इस बार भी बेहतर फसल थी, लेकिन जंगली सुअर झुंड में आए और खेतों को पूरी तरह खोद गए।
ग्राम प्रधान बनेगांव तनुजा देवी ने भी वन विभाग तहसील प्रशासन से किसानों की समस्या समाधान करने की मांग की हैं। किसानों ने उद्यान विभाग से अदरक खरीदकर लगाया था जो सब सुअर ने खत्म कर दिया है। मुआवजा भी इन्हें दिया जाए। काश्तकार हीरा सिंह बोरा, चंचल सिंह बोरा, शेर सिंह बोरा, नवीन बोरा, राजेंद्र सिंह बोरा आदि ने कहा कि यदि सुअरों से निजात नहीं मिली तो आंदोलन किया जाएगा। इधर, प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी ने कहा कि जंगली सुअरों के आतंक से किसानों को निजात दिलाने के लिए शासन स्तर पर वार्ता की जाएगी।