सीएनई रिपोर्टर, भीमताल
मौसम खुलने के बाद अब भी आपदा के कई भयानक मंजर देखने में आ रहे हैं। ताजा मामला नैनीताल जनपद के ओखलकांड ब्लॉक अंतर्गत थलाड़ी गांव का है, जहां एक ही परिवार के छह शव मलबे के नीचे दबे मिले। जिनकी एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने बरामदगी कर ली है। यहां थलाड़ी के हरेंद्र सिंह वह बदनसीब हैं जिन्होंने इस आपदा में अपनी पत्नी, बच्चे, मां सहित परिवार के छह सदस्यों को खो दिया है।
आपको याद दिला दें कि 18 अक्टूबर को थलाड़ी गांव में हुए लैंडस्लाइड से काफी तबाही हुई थी। यहां एक ही परिवार के छह लोग भवन के मलबे में जिंदा दफन हो गये थे। यहां तक जेसीबी पहुंचने मुश्किल थी। अतएव बचाव कार्य में भारी मशक्कत हुई। बारिश थमने के बाद रेस्क्यू कार्य में तेजी आई और एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम में मलबे से छह शवों को बाहर निकाला है। जुड़िये हमारे WhatsApp Group से Click Now
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फिलहाल सभी मृतकों का मौके पर ही पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है। जिन शवों की बरामदगी हुई है उनमें मीना देवी (28 साल), चांदनी (08 साल), डिम्पल (06 वर्ष), तनुजा (04 वर्ष), पारस (01 वर्ष) और शांति देवी (65 साल) शामिल हैं। ज्ञातव्य हो कि थलाड़ी के हरेंद्र सिंह ने इस आपदा में अपना सब कुछ खो दिया है। परिवार में सिर्फ वही जीवित हैं। आपदा के दौरान भूस्खलन की चपेट में आने से उन्होंने अपनी मां, पत्नी समेत औ 04 बच्चे को खो दिया हैं। ज्ञात रहे कि थलाड़ी गांव में हरेंद्र सिंह उर्फ हयात के मकान में एक विशाल पेड़ सहित मलबा गिरने से दबे छह लोग दब गये थे।
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बताया जा रहा है कि उनके महज 01 साल के बेटे पारस का 21 अक्टूबर को जन्मदिन था। पूरा परिवार जन्मदिन की पूर्व तैयारियों में ही जुटा हुआ था, लेकिन नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था। हरेंद्र सिंह इस हादसे की वजह से पूरी तरह टूट गये हैं। अब भी रह—रहकर उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वह विधाता से अब सिर्फ यही सवाल पूछ रहे हैं कि यदि उनके पूरे परिवार को खत्म ही होना तो अकेले वह जीवित क्यों बच गये ?
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