बागेश्वर। कांग्रेस के जिला मीडिया कोऑर्डिनेटर व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने शासन-प्रशासन पर आपदा में लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आपदा पिंडारी, जातोली व सुन्दरढूंगा ग्लेशियर में आई है। लेकिन प्रशासन कपकोट हेलीपैड पर बेस कैंप बनाकर अपनी इतिश्री कर रहे है।
ऐठानी ने स्थानीय पर्यटन आवास गृह में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सुन्दरढूंगा ग्लेशियर में 5 बंगाली पर्यटकों को आपदा के निपटने के बाद भी नहीं निकाला जा सका है। उन्होंने कहा कि जब विदेश मंत्रालय से स्थानीय प्रशासन को फोन आया, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया।
उन्होंने कहा कि वर्फ़ीले तूफान से बचकर निकले गाइड की सूचना पर वाछम गांव के आनंद सिंह व ग्राम प्रधान चन्दन सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों का एक दल खाती से 9 किमी दूर जातोली पहुँच चुके थे। लेकिन क्षेत्रीय विधायक द्वारा ग्रामीणों को हेलिकॉप्टर से भेजने की बात कहकर वापस बुला लिया गया। लेकिन 3 दिन बाद भी क्षेत्र में हेलीकॉप्टर घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाया। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक 3 दिन से खाती में केम्प लगाकर ग्रामीणों को राहत देने का काम कर रहे है। जो आज जातोली पहुंचे है।
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उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण द्वारा प्रशासन को पिंडारी क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति की के अनुरूप प्रातः 6 से 11 बजे तक रेस्क्यू कराने की जानकारी देने के बाद भी उनकी बात पर अमल नहीं किया। जिस कारण रेस्क्यू नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की लापरवाही ही रही कि उनके द्वारा 6 दिन बीतने के बाद भी प्रशासन द्वारा जनप्रतिनिधियों से सामजंस्य नहीं बनाया जा सका और न ही उनके सुझावों पर अमल किया गया। जिस कारण पीड़ित परिवारों को कोई राहत नहीं मिल पा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन के अधिकारी आपदा के समय भी पिकनिंक मना रहे है। कितने लोग कहां फंसे है कितने रेस्क्यू किये गए। कोई रिकार्ड आज तक उपलब्ध नहीं है। क्षेत्र में लगे सेटेलाइट खराब पड़े है। जबकि प्रशासन को जानकारी होने के बाद आपदा काल में सेटेलाइट फोन ठीक कराने की जहमत नहीं उठाई। जो एक गम्भीर लापरवाही है। वार्ता के दौरान पूर्व दर्जा मंत्री राजेन्द्र टंगड़िया, युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष कवि जोशी, गोकुल परिहार, आदि मौजूद थे।
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गिरीश की मौत की मजिस्ट्रेटी जांच की मांग
बागेश्वर। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने भनार निवासी गिरीश कोरंगा की आपदाकाल में हुई मौत की मजिस्ट्रेटी जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि 18 अक्टूबर को अत्यधिक बारिश के दौरान कोरंगा शामा बाजार से सामान लेकर घर जाते वक्त पहाड़ी से पत्थर गिरने से दर्दनाक मौत हो गयी थी। लेकिन प्रशासन गिरीश की मौत को आपदा से मौत होना नहीं मान रही है। उन्होंने पूरे मामले की मजिस्ट्रेटी जांच की मांग की है।