इससे ज्यादा कैश लेकर चले तो होगी मुसीबत नामांकन से परिणाम घोषणा की तारीख तक लागू रहेंगे नियम
Uttarakhand Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने सख्त दिशा—निर्देश जारी कर दिए हैं। उत्तराखंड में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद यदि आप बड़ा कैश लेकर कहीं चल रहे हैं तो आपसे पुलिस पूछताछ कर सकती है। वहीं, आपके बैंक खातों में भी यदि 10 लाख से अधिक जमा या निकाला जाता है तो आप को जवाब देना पड़ सकता है। वहीं आम नागरिक भी यदि 50 हजार से अधिक कैश लेकर चले तो उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
आदर्श आचार संहिता के बाद न केवल प्रत्याशियों, बल्कि आम जनता को सावधान रहना होगा। खास तौर पर बड़ी पूंजी के लेन—देन व भारी कैश साथ लेकर चलने से बचाना होगा। इस बीच पूरे ढाई माह तक अगर कहीं किसी काम से कैश ले जा रहे हैं तो इसका पूरा रिकॉर्ड साथ रखना होगा। कहां से कैश आया और किस काम के लिए जा रहे हैं यह सब जांच टीमों को बताना होगा। नहीं बताया कि कैश सीज कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग ने इसी तरह से प्रत्याशी, स्टार प्रचारक से लेकर बैंकों तक के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।
चुनाव में धनबल का प्रयोग रोकने के लिए कड़े नियम लागू किये गये हैं। अब पार्टियों के स्टार प्रचारक और पार्टी पदाधिकारी अपने साथ 01 लाख रुपये तक रख सकते हैं। प्रत्याशी भी इसी तरह अपने साथ कैश ले जा सकता है लेकिन उससे पूछताछ की जा सकती है। पूछताछ में यदि समूचित कागजात मिले तो छोड़ दिया जाएगा नहीं तो कैश को जब्त कर लिया जाएगा। 10 लाख रुपये तक के कैश पर इनकम टैक्स की नजर रहेगा। पूछे जाने पर आपको सही दस्तावेज दिखाने पड़ेंगे।
तमाम बैंकों के लिए भी दिशा—निर्देश जारी हुए हैं। बैंक में यदि कोई 10 लाख रुपये या इससे अधिक निकालता या जमा करता है तो इसकी सूचना बैंक जिला निर्वाचन अधिकारी को देंगे। बैंकों के एटीएम मशीन के लिए जो कैश जा रहा है उसका EFMS Portal पर पहले से ही चालान तैयार करना होगा। आम आदमी यदि ज्यादा कैश ले जाता है तो इसके पूरे दस्तावेज अपने साथ रखने होंगे। साथ रखे कैश का स्रोत बताना पड़ सकता है। अगर नहीं बताया तो कैश को सीज कर दिया जाएगा। केवल पर्याप्त दस्तावेज होने पर ही कैश वापिस होगा।
Lok Sabha Elections, विस्तार से पढ़िये आदेश —
1. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77(1) के तहत प्रत्येक अभ्यर्थी को नामांकन तारीख से परिणाम घोषणा की तारीख के मध्य निर्वाचन व्यय का लेखा रखना अनिवार्य होगा। प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा 95.00 लाख निर्धारित की गयी है। लेखे के अनुरक्षण में असफलता भारतीय दंड संहिता की धारा 171-झ के अधीन निर्वाचन अपराध होगा एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77(3) के अधीन निर्धारित सीमा से अधिक व्यय करना भ्रष्ट आचरण है। निर्धारित अवधि के मध्य लेखा दाखिल न करने की स्थिति में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10 (क) के अधीन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अभ्यर्थी को अनर्ह घोषित किया जा सकता है।
2. भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171ऊ के अनुसार जो कोई व्यक्ति निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी व्यक्ति को उसके निर्वाचक अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्प्रेरित करने के उद्देश्य से नकद या वस्तु रूप में अनुतोष देता है या लेता है तो वह एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डनीय होगा।
3. भारतीय दण्ड संहिता 1951 की धारा 127 (क) के अधीन कोई भी व्यक्ति ऐसी कोई ऐसी निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर के मुख पृष्ठ पर मुद्रक का नाम व पता अंकित नही होगा, तो प्रकाशन नहीं करायेगा। पुस्तिका या पोस्टर के मुख पृष्ठ पर मुद्रक का नाम पता अनिवार्य होना चाहिए।
4. निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान अनुवीक्षण हेतु कार्यरत टीमों द्वारा संदिग्ध एवं आपत्तिजनक वस्तुओं, नकदी आदि सामग्री जब्त किये जाने की शर्त के अधीन होंगी। उक्तानुसार जब्ती को रिलीज करने हेतु मुख्य विकास अधिकारी, अल्मोड़ा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है। संबंधितों द्वारा जब्ती के संबंध में उक्त समिति के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए अपील दायर की जा सकती है।
5. जन सामान्य को सूचित किया जाता है कि आदर्श आचार संहिता के दौरान रुपये 50,000 से अधिक की धनराशि जिसका स्रोत स्पष्ट नहीं होगा तथा जिसके निर्वाचन में मतदाता को प्रलोभन दिये जाने की संभावना होगी। उक्त धनराशि को जब्त किया जा सकता है। सभी नागरिको से एतद्वारा अनुरोध किया जाता है कि निर्वाचन के दौरान किसी व्यक्ति द्वारा 50.000 की नकद धनराशि के परिवहन पर सभी आवश्यक दस्तावेज अपने साथ रखें।