सीएनई रिपोर्टर
हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर में पहाड़ टूटने के बाद मलबे में फंसे लोगों को बचाना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है। कई बार भूस्खलन दोबारा शुरू होने के चलते सर्च आपरेशन को रोकना पड़ रहा है। अब तक केवल 13 शव निकाले जा सके हैं, जबकि इससे कहीं अधिक लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। यदि जल्द ही रेस्क्यू आपरेशन पूरा नही हुआ तो मौतों का आंकड़ा बड़ सकता है।
सबसे अधिक चिंता में डालने वाली बात तो यह है कि प्रशासन को भी इस बात की पूरी जानकारी नही है कि आखिर यहां मलबे में कितने लोग फंसे हुए हैं ? इनमें से क्या कोई अब तक जीवित होगा, यह कह पाना भी कठिन है। आज 11 बजे सर्च आपरेशन दोबारा शुरू हुए भूस्खलन के चलते रोकना पड़ा है। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने घटनास्थल का हवाई सर्वे किया है। ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें 👉 Click Now 👈
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आपको बता दें कि हादसा होने के बाद से बुधवार दोपहरसे रेस्क्यू आपरेशन लगातार जारी है। बृहस्पतिवार सुबह तक 13 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। हादसे के बाद यात्री बस क्षतिग्रस्त हालत में सतलुज नदी के पास मिली है। बस की हालत देखकर साफ कहा जा सकता है कि इसमें किसी के बचने की सम्भावना बहुत कम है। शुरूआती आपरेशन के दौरान जितने भी शव मिले हैं वह बहुत क्षत—विक्षत हालत में हैं। ITBP and NDRF का बचाव दल ने चट्टानों को हटाकर लोगें की तलाश शुरू कर दी है।
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इधर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा अभी तक मलबे में दबे लोगों का सही आंकड़ा नहीं है। सेना के चौपर से घायलों को रेस्क्यू किया जायेगा। उधर परिचालक के मुताबिक बस में 24 लोग सवार थे, ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि इस हादसे में मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। फिलहाल सेना की भी मदद लिए जाने की बात चल रही है।
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडेय ने बताया कि ऊपर से पत्थर गिरने से बचाव कार्य पिछले दो घंटे से रुका हुआ है। फिलहाल राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है। मलबे के बीच 100 मीटर क्षेत्र में फैला एचआरटीसी बस का मलबा दिख रहा है।