अल्मोड़ाः जिले में 21 ग्रामीण क्षेत्रों में नदी किनारे फेंका जा रहा कूड़ा
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- डीएम ने जिला गंगा सुरक्षा समिति की बैठक में ली जानकारी
- नदियों की स्वच्छता के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
जिले में अब तक हुए चिह्नीकरण में पता चला है कि 21 ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं, जो नदी किनारे कूड़ा फेंक रहे हैं। अब डीएम वंदना ने यह जांचने के निर्देश दिए हैं कि इन स्थानों पर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा तो कूड़ा नहीं फेंका जा रहा। यदि ऐसा है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
जिला गंगा सुरक्षा समिति की बैठक जिलाधिकारी वंदना की अध्यक्षता में नवीन कलेक्ट्रेट में आयोजित हुई। जिसमें जिलाधिकारी ने पूर्व बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में हुई गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की और नदियों की स्वच्छता के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में परियोजना निदेशक चंदा फर्त्याल ने बताया कि पूर्व बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में 136 ग्राम पंचायतों का चिन्हीकरण किया गया है, जो नदियों के किनारे हैं। साथ ही कहा कि 21 ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं, जिनका कूड़ा नदी किनारे एकत्रित हो रहा है। जिलाधिकारी ने यह परीक्षण करने के निर्देश दिए कि उक्त 21 स्थानों में कूड़ा कहां से आ रहा है और यदि यह कूड़ा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा फेंका जा रहा है, तो ऐसे प्रतिष्ठानों को चिह्नित कर उन्हें नोटिस दिया जाए। डीएम ने कहा कि कूड़ा फेंकने वाले संस्थानों को चेतावनी दी जाए कि यदि कूड़ा फेंकने की पुनरावृत्ति हुई, तो अर्थदंड लगाया जाएगा।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों में शॉक पिट नहीं है, ऐसे क्षेत्रों में स्वजल के माध्यम से शोक पिट बनाए जाए तथा लोगों में नदियों के प्रति स्वच्छता के लिए जागरूकता भी लाई जाए। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में खुली बैठकों का आयोजन जिला पंचायत के माध्यम से किया जाए तथा बैठकों में वेस्ट मैनेजमेंट का प्लान तैयार किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम प्रधानों के साथ कार्यशाला की जाए, जिसमें उन्हें नदियों की स्वच्छता बनाए रखने की महत्ता बताई जाए तथा उनको स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया जाए।