बागेश्वर: काली चतुर्दशी पर बागनाथ व काल भैरव मंदिर में उमड़े भक्त

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: काली चतुर्दशी पर बाबा बागनाथ और काल भैरव मंदिर में भक्तों ने पूजा-अर्चना की। साथ कई भक्तों ने अपनी मनौती पूरी होने…

काली चतुर्दशी पर बागनाथ व काल भैरव मंदिर में उमड़े भक्त

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: काली चतुर्दशी पर बाबा बागनाथ और काल भैरव मंदिर में भक्तों ने पूजा-अर्चना की। साथ कई भक्तों ने अपनी मनौती पूरी होने पर पाठ इत्यादि कराए। बता दें कि वैसे तो बाबा बागनाथ मंदिर में साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन सावन मास में विशेष रूप से यहां भक्तों की भारी उमड़ पड़ती है। जिससे बागनाथ नगरी पूरी शिवमय हो जाती है। रविवार चतुर्दशी को काल भैरव मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।

भक्तों ने सरयू-गोमती संगम तट पर स्नान के बाद मंदिरों में जल चढ़ाया और पूजा-अर्चना की। प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में भी दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और मनौतियां मांगी। कई लोगों ने मन्नत पूरी होने पर काल भैरव मंदिर में बकरियां भी चढ़ाई, लेकिन बलि नहीं हुई। कोर्ट के आदेश से पहले काल भैरव मंदिर में बकरी की बलि होती थी। हजारों की संख्या में बकरियां चढ़ाई जाती थीं, लेकिन अब लोग बकरी चढ़ाने लाते हैं। पूजा- अर्चना के बाद उसे घर ले जाते हैं। बकरियों की बलि पर अब पूरी तरह से रोक लग चुकी है। वही पंडित कैलाश उपाध्याय ने बताया कि शिव को प्रसन्न करने के लिए काली चतुर्दशी का पर्व महत्वपूर्ण माना जाता है। शिव की अराधना करने वाले भक्तों को रोग आदि का भय नहीं रहता है। इसके अलावा कपकोट, कांडा, गरुड़ तथा धरमघर क्षेत्र के शिव मंदिरों में सुबह से लोगों का तांता लगा रहा।

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