सी.एन.ई. न्यूज।। जहां आज पूरा विश्व कोरोना वायरस के गंभीर खतरों के प्रति जागरूक हो चुका है, वहीं पाकिस्तान के एक जाने—माने मौलाना ने कोरोनो को महिलाओं से जोड़कर एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया है। दरअसल, यहां मौलाना तारिक जमील ने प्रधानमंत्री इमरान खान की मौजूदगी में एक लाइव टेलीविजन कार्यक्रम में कहा कि हमारे देश की बेटियों के नाचने, छोटे कपड़े पहनने के गलत रास्तों पर चलने से इस तरह की महामारियां फैलती हैं। हैरानी की बात तो यह है कि वहां मौजूद प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी उसे ऐसी टिप्पणी करने के बाद भी नहीं रोका। इधर पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने इस पर मौलाना को फटकार लगाई है। आयोग ने ट्वीट किया कि मौलाना जमील का हालिया बयान बेवजह महिलाओं की गरिमा को कोरोना से जोड़ता है। इस तरह सीधे ऐसी बातें कहना अस्वीकार्य है। सरकारी टेलीविजन पर प्रसारण हो रहे कार्यक्रम में ऐसा कहना समाज में मौजूद कुप्रथाओं को बढ़ावा देगा। मानवाधिकार आयोग के साथ ही महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों ने भी मौलाना के बयान की निंदा की है।
गौरतलब है कि पाक में पिछले सप्ताह मौलवियों के दबाव के बाद सरकार ने रमजान के दौरान मस्जिदों में नमाज अदा करने की अनुमति दे दी थी। देश में कोरोना वायरस से अब तक करीब 12,000 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और मृतकों की संख्या 260 के करीब है। इसके बाद सेना ने व्यवस्था अपने हाथ ले ली थी। पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने घोषणा कर दी है कि देश में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन अपने हाथ में लेगी। इसके बाद से सेना ने पूरे पाकिस्तान में सैनिकों को तैनात कर दिया है और राष्ट्रीय कोर समिति के माध्यम से कोरोनो वायरस के लिए लॉकडाउन का पालन करा रही है।