Big Breaking : इंसान में पाया गया छिपकली व गिरगिट वाला येलो फंगस, ब्लैक और व्हाइट फंगस के बाद नई बला, देश में पहला मामला
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सीएनई रिपोर्टर
दिल्ली। ब्लैक और व्हाइट फंगस की कहानी अभी ठीक से समझ नही आई है, वहीं इस बीच एक येलो फंगस का केस सामने आने से चिकित्सकों को हैरान कर दिया है। हैरानी का सबसे बड़ा कारण तो यह है कि इस तरह का येलो फंगस इंसान में नही, बल्कि छिपकली और गिरगिट में इससे पहले मिला करता था।
आपको बता दें गाजियाबाद के एक अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज में इस तरह के नए फंगस की पुष्टि हुई है। यह मरीज 45 साल के हैं तथा इन्हें शूगर की भी दिक्कत है।
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इलाज करने वाले डॉक्टर बीपी त्यागी ने बताया कि 45 वर्षीय मरीज पहले कोरोना संक्रमित हुए थे और वह डायबिटीज से भी पीड़ित हैं।
मरीज के उपचार में जुटे संबंधित डॉक्टर ने बताया कि अभी तक यह येलो फंगस छिपकली और गिरगिट जैसे जीवों में पाया जाता था। जिस रेपटाइल को यह फंगस होता है वह जिंदा नहीं बचता इसलिए इसे बेहद खतरनाक और जानलेवा माना जाता है। पहली बार किसी इंसान में यह फंगस मिला है।
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डॉक्टर के अनुसार येलो फंगस गंदगी के कारण होता है। यह फंगस सामान्य रूप से जमीन पर पाया जाता है। छिपकली और गिरगिट जैसे जिस जीव की रोग निरोधक क्षमता कम होती है यह उसे असर करता है और कमजोर कर के जानलेवा तक बन जाता है।
डॉक्टरों का अनुमान है कि कोरोना के कारण अब इंसानों की इम्युनिटी कमजोर हो रही है इसलिए यह फंगस उन्हें चपेट में ले रहा है।
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चिकित्सकों के अनुसार ऐलो फंगस के प्रमुख लक्षणों में नाक का बंद होना, शरीर के अंगों का सुन्न होना, शरीर में टूटन होना और दर्द होना, अत्यधिक कमजोरी होना, हार्ट रेट का बढ़ जाना, शरीर में घावों से मवाद बहना और शरीर कुपोषित सा दिखाई देना प्रमुख हैं।