✒️ शीर्ष राजनैतिक पदों पर शैक्षिक योग्यता हो तय
✒️ क्षत्रिय कल्याणकारी संस्था ने की मांग
अल्मोड़ा। भारत सरकार को यह विचार करना चाहिए कि देश का आर्थिक बोझ कैसे कम हो। इसके लिए आवश्यक है कि राज्य व राष्ट्रीय स्तर होने वाले राजनीतिक समारोहों के खर्चे कम किए जायें। राजनीतिक दलों को मितव्यतता का पाठ पढ़ना चाहिए। साथ ही विधायक, सांसद व पार्षद सभी को एक सामान पेंशन मिलनी चाहिए, ताकि आर्थिक बोझ कम हो सके।
क्षत्रिय कल्याणकारी संस्था, अल्मोड़ा उत्तराखंड की यहां होटल शिखर में आयोजित बैठक में कई महत्वूर्ण प्रस्ताव पारित हुए। साथ ही शासन व प्रशासन के समक्ष विभिन्न मांगें रखी गईं। वक्ताओं ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को अपने आयोजनों या समारोहों के दौरान मितव्यतता बरतनी चाहिए। राजनीतिक कार्यक्रमों में लगने वाला रूपया विकास कार्यों के काम आ सकता है।
उन्होंने कहा कि विधायक, सांसद व पार्षद को एक समान पेंशन मिलनी चाहिए। देश का आर्थिक बोझ कैसे कम हो इस बावत विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि ग्राम पंचायत स्तर पर न्यूनतम शैक्षिक योग्यता रखी गई है तो सर्वोच्च पंचायत या सदन में भी शिक्षा की योग्यता अनिवार्य होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्था कर्मचारियों व अधिकारियों को पुरानी पेंशन देने का समर्थन करती है।
वक्ताओं ने कहा कि संस्था देश में आरक्षण का आधार जातिगत की बजाए आर्थिक करने की समर्थक है। अतएव सरकार को इस दिशा में भी निर्णय लेना चाहिए। इसके अलावा सस्ते गल्ले की दुकानों में एपीएल राशन कार्ड धारकों को भी गेहूं उपलब्ध कराने, प्रदेश के युवाओं को प्रदेश के तमाम सरकारी व अर्द्ध सरकारी नियुक्तियों व उद्योगों में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति देने की भी मांग की।
उन्होंने बिजली बिल प्रतिमाह उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने, तहसील कार्यालय जन उपेक्षाओं के अनुरूप मल्ला महल में शिफ्ट करने, ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की दशा सुधारने, नंदा गौरा कन्या धन योजना के फार्म के नए प्रारूप को सरल बनाने की मांग भी की गई। उन्होंने कहा कि जीवित प्रमाण पत्र में अंगूठे की छाप आन लाइन नहीं आ रही है। अतएव इसमें संशोधन की आवश्यकता है। बैठक में जमन सिंह देवड़ी, लक्ष्मण सिंह बोरा, आनंद सिंह सतवाल, शेर सिंह बिष्ट, डॉ. एसएस पथनी, लाल सिंह मेहता, पूरन सिंह, राम सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे।