सीएनई रिपोर्टर, देहरादून
Warning of heavy rains in Uttarakhand :— उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में कहीं भारी तो कहीं हल्की बारिश, ओलावृष्टि व तूफान की सूचना है। मौसम विभाग ने जारी अपडेट में बताया है कि अगले चार रोज तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। कुछ जनपदों में भारी बारिश, ओलावृष्टि व बिजली गिरने की घटनाओं से नुकसान पहुंचने की भी सम्भावना जाहिर की गई है। साथ ही विशेष सावधानियां बरतने की हिदायत भी दी गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी सूचना में बताया गया है कि आज 23 मई, सोमवार देर शाम तक कई जनपदों, खास तौर पर कुमाऊं मंडल में तेज बारिश, ओलावृष्टि व आकाशीय बिजली गिरने की सम्भावना है। मैदानी क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ आंधी—तूफान की सम्भावना भी जाहिर की गई है। कल 24 मई, मंगलवार को भी मौसम ऐसा ही रहेगा। जारी सूचना में कहा गया है कि भारी बारिश, ओलावृष्टि, तूफान व बिजली गिरने से बागवानी प्रभावित होगी और फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। कहा गया है कि संवेदनशील मार्गों पर चट्टान आदि गिरने से मार्ग बाधित भी हो सकते हैं और भूस्खलन का भी खतरा है। बरसाती नदी—नालों में अत्यधिक जल प्रवाह देखने को मिल सकता है। विभागीय सूचना में कहा गया है कि 25 मई को उत्तरकाशी, चमोली तथा पिथौरागढ़ जनपदों में कहीं—कहीं हल्की से मध्यम वर्षा गर्जन के साथ होने की सम्भावना है। 27 मई तक इन तीन जनपदों में हालात ऐसे ही बने रहेंगे।
मौसम विभाग ने दो रोज भारी बारिश की वाले इलाकों में निम्न सावधानियां बरतने की सलाह जारी की है —
• कटी हुई उपज (यदि खेत में हो) को सुरक्षित जगह रखें।
• लोगों को सलाह दी जाती है कि वे गर्जन/ओलावृष्टि/झक्कड़ के समय सुरक्षित स्थानों/पक्के मकानों में शरण ले, पेड़ो के नीचे शरण ना लें।
• पेड़ों को ओलों से बचाने के लिए ओलों के जाल का प्रयोग करें।
• घर के अन्दर रहें, खिडकियाँ और दरवाजे बंद रखें।
• गर्जन/आकाशीय बिजली के दौरान बिजली का संचालन करने वाली सभी वस्तुओं से दूर रहे।
• गर्जन/आकाशीय बिजली/ ओलावृष्टि/ झक्कड़ के दौरान जानवरों को बाहर न बांधें।
• छोटी नदी/नालों के समीप रहने वाले लोगो तथा बस्तियों को सावधान/ सुरक्षित स्थान पर रहने की जरुरत है।
• लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपने वाहन को सुरक्षित स्थानों में रखें।
जबरदस्त ठंड, जागेश्वर में अलाव तापते दिखे लोग
उल्लेखनीय है कि यहां अल्मोड़ा और नैनीताल में आज सुबह से ही भारी बारिश है। गत दिवस हुई ओलावृष्टि के बाद तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। जागेश्वर क्षेत्र में ठंड में कुछ ऐसा इजाफा हुआ है कि लोग गर्मियों के इस सीजन में अलाव जलाने तक को मजबूर हो गये।