—सदर तहसील कार्यालय को दूर स्थानांतरित करने पर आपत्ति
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अल्मोड़ा सदर तहसील दफ्तर को एकाएक दूर बने नवीन कलेक्ट्रेट परिसर में स्थानांतरित करने पर उक्रांद नेताओं ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने इस कदम को जनता के लिए अन्याय बताते हुए कहा है कि इस अन्याय के लिए उक्रांद प्रसिद्ध चितई ग्वेल मंदिर की शरण में जाएगी और राज्य सरकार, जिला प्रशासन समेत सत्तारूढ़ व मुख्य विपक्षी दल की घात डालेगी।
उक्रांद के जिलाध्यक्ष शिवराज बनौला एवं पूर्व उपाध्यक्ष ब्रह्मानन्द डालाकोटी ने यहां जारी एक साझा बयान में कहा है कि जन सुविधा के मद्देनजर जिला प्रशासन ने पहले अल्मोड़ा सदर तहसील को पुराने कलेक्ट्रेट परिसर से कुछ सालों तक नहीं हटाने का बयान दिया था, किंतु अब एकाएक इसे हटा दिया गया है। अचानक तहसील कार्यालय को दूर पांडेखोला में निर्मित नये कलेक्ट्रेट परिसर में शिफ्ट कर दिया गया। उक्रांद नेताओं ने कहा कि जिलाधिकारी कार्यालय के साथ—साथ तहसील के भी पांडेखोला चले जाने से अल्मोड़ा शहर सहित खासपर्जा पट्टी, भैसियाछाना, धौलादेवी आदि ब्लाकों के निवासियों को दूर नये कलेक्ट्रेट परिसर जाने—आने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि वहां आने—जाने के लिए यातायात की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा है कि गरीब तबके के लोगों को अपनी बात पहुंचाने या जरूरी कार्यवश दूर पांडेखोला आने—जाने का अतिरिक्त खर्चा वहन करना पड़ेगा। साथ ही समय गंवाना पड़ेगा। लोगों को आर्थिक व मानसिक परेशानी झेलनी पड़ेगी।
उक्रांद की जिला इकाई ने तहसील कार्यालय को अचानक हटाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उक्त नेताद्वय ने कहा है कि प्रशासन के इस कदम का विरोध होगा और इसके खिलाफ उक्रांद हस्ताक्षर अभियान चलाएगी और आंदोलनात्मक कदम उठाएगी। उन्होंने इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा व मुख्य विपक्षी कांग्रेस की खामोशी पर भी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इस जनविरोधी निर्णय पर न्याय के लिए उक्रांद अगले सप्ताह राज्य सरकार, जिला प्रशासन समेत भाजपा व कांग्रेस की चितई ग्वेल देवता मंदिर में घात डालेगी।