सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
आज अंतरराष्ट्रीय हेपेटाइटिस दिवस पर यहां एक गोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें पूर्व स्वास्थ्य निदेशक डा. जेसी दुर्गापाल ने हेपेटाइटिस के बारे में विस्तार से जानकारी रखी। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में दूषित जल पीने से यह बीमारी होने का डर रहता है, इसे पीलिया रोग कहते हैं।
उन्होंने कहा कि लीवर शरीर का महत्वपूर्ण भाग है और हेपेटाइटिस लीवर में सूजन आने की बीमारी है। इस बीमारी में लीवर को क्षति पहुंचती है या उसमें सूजन आ जाती है। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस के अधिकतर मामले वायरस के कारण होते हैं और दूषित जल के अलावा अल्कोहल ज्यादा लेना, कुछ दवाएं और सेहत से जुड़ी समस्याएं होना भी इसका कारण बन सकती हैं। डा. दुर्गापाल के अनुसार बुखार, भूख नहीं लगना, जी मचलाना, उल्टी होना, पेट दर्द, मूत्र का रंग गहरा पीला होना, मल का रंग हल्का पीला होना, जोड़ों में दर्द एवं कमजोरी होना आदि हेपेटाइटिस के प्रमुख लक्षण हैं। ऐसे में पानी उबालने बाद छान कर पीना चाहिए। पानी की टंकी को साफ रखते हुए तेलीय पदार्थों का इस्तेमाम बेहद कम करना चाहिए। गोष्ठी में बालम नेगी, नितेज बनकोटी, सुंदर लटवाल, केशर अधिकारी, भास्कर प्रसाद, भुवन आर्या, भावना नेगी, रीता दुर्गापाल, पुष्पा सती, गिरीश मल्होत्रा, मनोज सनवाल, चंद्रमणि भट्ट आदि शामिल रहे।
ये सावधानियां हैं जरूरी
1- साफ सफाई का ध्यान रखें!
2- अपना टूथ ब्रश, ब्लेड आदि किसी से साझा न करें!
3- हाथ सदैव साफ रखना और ताजा व स्वच्छ भोजन करें!
5- शराब के सेवन से बचें और उबला व फिल्टरयुक्त पानी का सेवन करें।
7- टेटू, कान या नाक छिदवाने के लिए स्टरलाइज़ सुई का इस्तेमाल करें!
8- नवजात शिशु को जन्म के बाद हिपेटाइटिस—बी का टीका लगवायें!