नई दिल्ली। राज्यसभा ने दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2022 आज ध्वनिमत से पारित कर दिया जिससे इस पर संसद की मुहर लग गयी। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है।
इससे पहले सदन ने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जॉन ब्रिटास के प्रस्ताव को ध्वनिमत से खारिज कर दिया। साथ ही सदन ने विधेयक में ब्रिटास और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम के संशोधनों को भी नामंजूर कर दिया।
गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर करीब तीन घंटे तक चली बहस का जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक पूरी तरह से संविधान सम्मत है और इसे लाने में किसी भी तरीके से संविधान का उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार ने नगर निगम को आनन फानन में विभाजित किया था और उसे अब तक झेला जा रहा था लेकिन दिल्ली सरकार ने भाजपा शासित निगमों के साथ जिस तरह सौतेली मां जैसा व्यवहार किया उससे यह विधेयक लाना जरूरी हो गया था।
उन्होंने स्पष्ट किया कि तीनों निगमों के एकीकरण के बाद राजधानी में कोई प्रशासक नियुक्त नहीं किया जायेगा बल्कि इसके बजाय एक विशेष अधिकारी तैनात किया जायेगा जो गैर राजनीतिक होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि नगर निगम के चुनाव समय पर ही कराये जायेंगे।