नैनीताल। हाईकोर्ट ने सचिव जिला विधिक सहायता प्राधिकरण नैनीताल, उधमसिंह नगर, देहरादून और हरिद्वार को निर्देश दिए हैं कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जा रहे क्वारेंटाइन सेंटर्स का निरीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट के सामने पेश करें। इन सेंटर्स की साफ सफाई,भोजन और मूलभूत सुविधाओं जैसे टॉयलेट आदि की दुर्दशा के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तीन दिनों में पेश करनी होगी।
अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व हरिद्वार निवासी सच्चिदानंद डबराल द्वारा दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए आज उच्च न्यायालय ने सचिव स्वास्थ्य जो की सुनवाई में उपस्थित थे उनसे प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के आदेश के संबंध में दिए गए आदेश के बारे में अवगत कराने के लिए कहा।
जिस पर स्वास्थ्य सचिव द्वारा न्यायालय को बताया गया कि कई ढांचागत समस्याओं को देखते हुए सीमावर्ती इलाकों की जगह सीमावर्ती जिलों में जिनमें जिला हरिद्वार उधमसिंह नगर देहरादून और नैनीताल में सेंट्रलाइज्ड कोरेंटिन सेंटर की व्यवस्था की जा रही है जिसमें प्रवासियों को जो कि रेड जोन से आ रहे हैं उनको रखा जाएगा साथ ही आईसीएमआर फिर स्वीकृति प्राप्त होते ही टेस्ट की संख्या को भी बढ़ाया जाएगा।
वर्तमान में 4000 टेस्ट किट पूरे प्रदेश में वितरित कर दिए गए हैं। इस पर अदालत ने न्यायालय ने टेस्ट की क्षमता को शीघ्र बढ़ाकर कोर्ट में रिपोर्ट फाइल करने के लिए कहा है।
साथ ही कोर्ट ने सचिव स्वास्थ्य को आदेशित किया है कि पिथौरागढ़ में स्थित एक कोरेंटिन सेंटर में संबंधित पुलिस अधिकारी द्वारा पूछताछ करने पर ही जिस प्रवासी के साथ मारपीट की गई उस प्रकरण में दोषी पुलिस अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही कर कर 3 दिन में न्यायालय को अवगत कराएं।कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है कि कई क्वॉरेंटाइन सेंटर में मूलभूत सुविधाओं का स्वास्थ्य सफाई और भोजन का अभाव है
जिस पर स्वास्थ्य सचिव को त्वरित कार्यवाही कर 3 दिन के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट हाईकोर्ट में फाइल करने के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को सभी कोरेंटिन सेंटर की व्यवस्थाओं को अपग्रेड कर न्यायालय में लिखित रिपोर्ट फाइल करने के लिए कहा है।
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