विशेषज्ञों के साथ साहित्य, संस्कृति व इतिहास पर लंबी ज्ञानवर्धक चर्चाएं

✍️ सांस्कृतिक नगरी के ऐतिहासिक मल्ला महल में अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल जारी ✍️ पुस्तक व फोटो प्रदर्शनियां तथा स्थानीय उत्पादों के स्टाल भी लगा रहे…

विशेषज्ञों के साथ साहित्य, संस्कृति व इतिहास पर लंबी ज्ञानवर्धक चर्चाएं

✍️ सांस्कृतिक नगरी के ऐतिहासिक मल्ला महल में अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल जारी
✍️ पुस्तक व फोटो प्रदर्शनियां तथा स्थानीय उत्पादों के स्टाल भी लगा रहे चार चांद

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी के ऐतिहासिक मल्ला महल में अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल के चलते विविध कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं और व्यापक चहल—पहल जारी है। फेस्टिवल के दूसरे रोज भी अलग—अलग विषय विशेषज्ञों ने ज्ञानवर्धक चर्चाएं की। यह चर्चाएं साहित्य, संस्कृति व इतिहास व पर्यावरण से जुड़ी हैं। बाहर से आए मेहमानों के समक्ष पहाड़ का मशहूर ‘छोलिया नृत्य’ भी प्रस्तुत किया गया। दूसरी तरफ पुस्तक प्रदर्शनी, फोटो प्रदर्शनी व स्थानीय उत्पादों के स्टाल महोत्सव में चार चांद लगा रहे हैं।

सांस्कृतिक नगरी के ऐतिहासिक मल्ला महल में चल रहे अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे रोज आज शुक्रवार को सुबह उमेश कबीर द्वारा कबीर पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया। तत्पश्चात अवार्ड सैरेमनी कार्यक्रम में रमोला बुटालिया, सुनीता पंत बंसल, विट्ठल सी नादकर्णी, प्रो. त्रिलोचन शास्त्री, राजीव मैकुलन व लैन पिंटो को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अगली श्रृंखला में ‘महाभारत: धर्म और धर्म संकट’ विषय पर प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल की डा. दीपा गुप्ता के साथ चर्चा हुई। इसके बाद ‘कंजर्विंग व्यूइल्ट हैरिटेज’ विषय पर प्रो. अनिल जोशी व प्रो. निर्मल कुमार की वार्ता का प्रस्तुतीकरण हुआ। इसके अलावा दिनभर में अलग—अलग सत्रों के अंतर्गत विशेष कार्यक्रम के तहत “एक बहुमुखी हिंदी साहित्यकार” लेखक अशोक पांडेय के विचारों को जनता ने प्रो. एसए हामिद के साथ सुना। ‘भोजन एवं संस्कृति’ पहाड़ी कहानी पर डा. सुमन सहाय, प्राची रतूड़ी व प्रवीण साह की हिना गुजराल, ‘कहानी और हमारा रिश्ता’ विषय पर महेश दर्पण व प्रभात रंजन की दिनेश कांडपाल, ‘कितनी हकीकत कितना फसाना’ शीर्षक पर प्रियदर्शन व प्रमोद जोशी की कंचन पंत, ‘कविताघर’ शीर्षक पर कृष्णा कल्पित, श्रीश मौर्य व प्रो. विवेक सचदेवा की प्रतिभा कटियार के साथ चर्चा हुई और इन सभी चर्चाओं का प्रस्तुतीकरण हुआ।

दोपहर रंगारंग कार्यक्रमों की श्रृंखला में लोक कलाकार चन्दन बोरा व उनकी टीम ने छोलिया नृत्य प्रस्तुत किया। पुस्तक समीक्षा में गौतम भाटिया व सुनीता पंत बंसल की राकेश बिष्ट से चर्चा हुई। इसके बाद सिनेमा पर दिवाकर बनर्जी ने समीक्षा प्रस्तुत की। उधर बच्चों के कार्यक्रम में दीपा अग्रवाल व सुनीता पंत की विनीता चौधरी साह के साथ वार्ता हुई और पुस्तक समीक्षा में रोहिन भट्ट की ममता बिष्ट से वार्ता हुई। इसके बाद छंजर सभा की काव्य गोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें डा. धाराबल्लभ पांडे, नीरज पंत, मीनू जोशी, नीलम नेगी, चंद्रा जोशी, मनीष पंत ने काव्य पाठ किया। उधर दूसरी ओर मेले में स्थानीय उत्पादों के स्टाल जमे हैं। जहां लोग उत्पादों की विशेषता की जानकारी प्राप्त करते हुए खरीददारी भी कर रहे हैं। वहीं पुस्तक प्रदर्शनी में पुस्तक प्रेमी अपनी मनपसंद पुस्तकें क्रय कर रहे हैं। फोटो प्रदर्शनी मेले में अपनी अलग छाप छोड़ रही है। जहां इतिहास, प्रकृति व संस्कृति प्रेमी प्रदर्शनी में लगे चित्रों को बारीकी से निहार रहे हैं और उनकी जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। कार्यक्रम में मुख्य आयोजकों/ संचालकों में ग्रीन हिल ट्रस्ट की सचिव एवं संयोजक डॉ. वसुधा पंत, डॉ. भूपेंद्र सिंह वल्दिया, मनमोहन चौधरी, जयमित्र बिष्ट, एड. विनायक पंत, दीपा गुप्ता, प्रो. हामिद, मनोज गुप्ता, विनोद तिवारी व रश्मि सेलवाल आदि कई लोग शामिल रहे।

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