देहरादून | राज्य सरकार किसानों को परम्परागत खेती के बजाय नगदी फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसी के तहत राज्य कैबिनेट ने बीते दिनों मिलेट्स पॉलिसी, कीवी नीति और ड्रैगन फ्रूट खेती की योजना पर मुहर लगाई है। जिसमें कुल मिलाकर 3 लाख 17 हजार से अधिक किसान लाभांवित होंगे।
दो चरणों में होगा मिलेटस पॉलिसी के तहत काम
अधिक जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड स्टेट मिलेट्स पॉलिसी के तहत दो चरणों में कार्य किया जाएगा। पहला चरण में 24 विकासखंडों में 30000 हेक्टेयर क्षेत्रफल रखा गया है। जो की 2025-26 से 2027-28 तक रहेगा। जबकि दूसरे चरण में 44 विकासखंडों में 40000 हेक्टर क्षेत्रफल रहेगा जो 2028-29 से 2030-31 तक रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि मिलेट पॉलिसी प्रदेश के 11 जिलों में लागू होगी। जिसके लिए कुल 134.89 करोड़ की कार्ययोजना का संचालन किया जाएगा।
बीज और जैव उर्वरक पर मिलेगा 80% अनुदान
जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि मिलेट्स पॉलिसी में मंडुवा,झंगोरा ,रामदाना, कौणी एवं चीना फसलों को सम्मिलित किया गया है। जिसके तहत चयनित मिलेटस फसलों के बीज एवं जैव उर्वरक को 80% अनुदान पर कृषकों को वितरित किया जाएगा। जिसमें प्रोत्साहन धनराशि भी दी जाएगी। वहीं उन्होंने कीवी और ड्रैगन फूट खेती के बारे में भी जानकारी दी। कहा कि कीवी नीति साल 2025-26 से 2030-31 तक रहेगी। जिसमें कुल लागत 12 लाख प्रति एकड़ का 70 प्रतिशत राज सहायता का प्राविधान किया गया है।
11 पर्वतीय जिलों में होगी खेती
हरिद्वार और उधमसिंहनगर को छोड़कर सभी 11 जिलों में शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही ड्रैगन खेती योजना प्रस्तावित साल 2025-26 से 2027-28 तक रहेगी। यह योजना राज्य के 7 जनपदों उधमसिंघनगर, हरिद्वार, नैनीताल, बागेश्वर, पौड़ी देहरादून, टिहरी में लागू होगी।