बागेश्वर: इंश्योरेंस कंपनी को 12.37 लाख भुगतान के निर्देश, 50 हजार जुर्माना भी

✍️ जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का फैसला सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने अपने एक फैसले में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंश कंपनी…

चालक पर लापरवाही का दोष सिद्ध, 10 हजार का जुर्माना



✍️ जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का फैसला

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने अपने एक फैसले में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंश कंपनी को क्षतिग्रस्त जेसीबी मशीन का 12 लाख, 37 हजार, 500 रुपये का क्लेम भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही 10 हजार वाद खर्च व 20 हजार मानसिक पीड़ा पहुंचाने के एवज में देना होगा। इतना ही नहीं बीमा कपंनी पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

आनंद सिंह दानू ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की कि उन्होंने एक जेसीबी मशीन बैंक से लोन लेकर खरीदी। इस मशीन को पोथिंग-शोभाकुंड मोटर मार्ग कटिंग कार्य में लगा दी। 14 जनवरी 2018 को शाम पांच बजे निर्माण कार्य के दौरान पहाड़ दरकने से उसकी चपेट में आकर उनकी मशीन क्षतिग्रस्त हो गई। इसकी रिपोर्ट उन्होंने कपकोट थाने में 15 जनवरी को कर दी। लेकिन गलती से उन्होंने रिपोर्ट में जेसीबी चालक का नाम गोपाल सिंह दफौटी पुत्र जसौद सिंह के बजाए इकरार अहमद का नाम लिख दिया। जब उन्होंने मौका मुआयना किया तो मशीन गोपाल सिंह चला रहा था। इस भूल को उन्होंने अपनी रिपोर्ट में 20 जनवरी को सुधार कर दिया। इसके बाद उन्होंने बीमा कंपनी से मशीन में हुए नुकसान का साढ़े 16 लाख का क्लेम किया, लेकिन बीमा कंपनी ने चालक का नाम इकरार अहमद लिखने की बात को कारण बताकर उनका क्लेम रोक दिया, जबकि कंपनी का सर्वेयर मौका मुआयना कर चुका था। उन्हें भी जानकारी थी कि चालक गोपाल सिंह है।

इसके बाद भी कंपनी उन्हें परेशान करने के लिए इकरार अहमद का डीएल पेश करने की मांग करते रहे। इससे परेशान होकर उन्होंने मामले को उपभोक्ता फोरम में डाल दिया। आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार सदस्य रमेश चंद्र सनवाल व हंसी रौतेला ने शनिवार को मामले की सुनवाई की। गवाहों व पत्रवालियों का अवलोकन करने के बाद बीमा कंपनी को दोषी पाया। उन्होंने शिकायतकर्ता आनंद दानू को 12 लाख, 37 हजार, 500 बीमा के तथा 10 हजार वाद खर्च व 20 हजार मानसिक कष्ट पहुंचाने के देने के निर्देश दिए हैं। 45 दिन के भीतर संपूर्ण भुगतान आठ प्रतिशत व्याज की दर से एकमुश्त करने को कहा है। इसके साथ ही बीमा कंपनी को 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।


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