बागेश्वर: गुरिल्लों ने तानी मुट्ठी, नुमाईशखेत में बोला हल्ला

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: गुरिल्लों ने फिर मुट्ठी तान ली है। उन्होंने पेंशन और समायोजन की मांग की है। उन्होंने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। मांगें…

गुरिल्लों ने तानी मुट्ठी, नुमाईशखेत में बोला हल्ला

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: गुरिल्लों ने फिर मुट्ठी तान ली है। उन्होंने पेंशन और समायोजन की मांग की है। उन्होंने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। मांगें पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

बुधवार को नुमाइशखेत मैदान पर गुरिल्लों ने हल्लाबोला। कहा कि गुरिल्लों ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसएसबी में समायोजन और पेंशन देने की दिशा में कदम नहीं उठाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार की आलोचना की है। कहा कि केंद्र सरकार देशभक्त गुरिल्लों की उपेक्षा कर अच्छा नहीं कर रही है। कहा कि गुरिल्लों को प्रशिक्षण एसएसबी ने दिया। हर वर्ष उन्हें नियमित प्रशिक्षण दिया जाता था। गुरिल्ला सीमाओं की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते थे। गुरिल्ला गांव, क्षेत्र पर पैनी नजर रखते थे। केंद्र सरकार ने वर्ष 2001 में एसएसबी को पैरा मिलिट्री फोर्स का दर्जा दे दिया और गुरिल्लों की भूमिका समाप्त कर दी। कहा कि सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद पूर्वोत्तर राज्यों के गुरिल्लों का एसएसबी में समायोजन किया गया लेकिन उत्तराखंड के गुरिल्लों को उपेक्षित कर दिया। इस मौके पर दान सिंह बघरी, दिनेश लोहनी, विशन भट्ट, खीमानंद कांडपाल, ममता कांडपाल, चंद्रा देवी, गंगा जोशी आदि उपस्थित थे।

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