BageshwarUttarakhand

Bageshwar News: एक तरफ कोरोना और दूसरी तरफ पढ़ाई से असमंजस, आदेश को लेकर द्विविधा और चर्चा


दीपक पाठक, बागेश्वर
शिक्षा विभाग को इस बार फिर ऑनलाइन पढ़ाई का आदेश जिले में चर्चा में है। कोरोना के कारण आजकल प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय बंद हैं। शासन से स्पष्ट निर्देश हैं कि विद्यालय का भौतिक रूप से संचालन नहीं किया जाएगा, शासन से ऑनलाइन पढ़ाई करने के आदेश हैं, परन्तु शासन के निर्देशों के क्रम में बागेश्वर के मुख्य शिक्षाधिकारी (सीईओ) ने ऑनलाइन शिक्षण के नए निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने पहली से 12वीं कक्षा तक के सभी शिक्षकों से विद्यालय में जाकर ऑनलाइन पढ़ाने के लिए कहा है। इसके तहत रोजाना बारी-बारी से तीन-चार बच्चों को विद्यालय बुलाकर वर्कशीट कार्य कराने के निर्देश दिए हैं।
सीईओ के इस फैसले को कई शिक्षक अव्यवहारिक बता रहे हैं। उनका कहना है कि जिम्मेदारी से बचने के लिए लिखित आदेश जारी नहीं किया है, बल्कि आदेश एक मैसेज के रूप में प्राप्त हो रहा है और मैसेज में ​जिला, ब्लॉक या किसी अन्य अधिकारी का नाम तक नहीं लिखा गया है। सोमवार को जिले के संकुल प्रभारियों की बैठक में कहा कि संक्रमण के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसे दुरुस्त करने के लिए सभी शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाना है। इसके लिए सीईओ ने निर्देश दिए कि सभी शिक्षक रोजाना विद्यालय समय पर सुबह 10 बजे से शाम साढ़े तीन बजे तक विद्यालय में मौजूद रहेंगे और वहीं से ऑनलाइन पढ़ाएंगे। उन्होंने रोजाना प्रत्येक कक्षा से तीन-चार बच्चों को विद्यालय बुलाकर उन्हें वर्कशीट कार्य कराने के लिए कहा है। बैठक के बाद यह निर्देश शिक्षक संगठनों के सभी व्हाट्सएप ग्रुपों में भी प्रसारित किया गया है।

जनपद के शिक्षक संगठनों का कहना है कि सीईओ ने सोशल मीडिया ग्रुप के माध्यम से निर्देश दिए हैं, जबकि लिखित में कोई पत्र नहीं दिया गया है जबकि शासन से जारी गाइडलाइन में विद्यालयों को भौतिक रूप से बंद रखने के निर्देश दिए हैं। पदाधिकारियों का कहना है कि मौखिक आदेश देना अव्यवहारिक है। अगर शिक्षाधिकारी बच्चों के हित में निर्देश दे रहे हैं तो उन्हें लिखित आदेश देकर पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी। ऐसे में तो कोई बुरी घटना होने पर ठिकरा शिक्षकों के सर फोड़ा जाएगा। (आगे पढ़िये प्रतिक्रियाएं)
आनलाइन शिक्षक मुश्किल

राजकीय शिक्षक संघ के मंडलीय अध्यक्ष विजय गोस्वामी का कहना है कि जिले के अधिकतर विद्यालय संचार विहीन क्षेत्र में हैं। ऐसे स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षण मुश्किल होगा। वहीं कोविड संक्रमण के कारण विद्यालयों को बंद किया गया है, सभी शिक्षकों के विद्यालय जाने से संक्रमण का खतरा हो सकता है। ऐसे में बच्चों को बुलाना उचित नहीं होगा।
बच्चों को स्कूल बुलाना ठीक नहीं

राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ बागेश्वर के जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह पिलख्वाल का कहना है कि शिक्षक को अपनी ड्यूटी करनी है, चाहे वह विद्यालय से ऑनलाइन शिक्षण करे या घर से इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि बढ़ते संक्रमण के बीच बच्चों को स्कूल बुलाना सही नहीं होगा। बच्चों को विद्यालय बुलाने की बजाय वर्कशीट घर पर उपलब्ध कराना सही होगा।
जिम्मेदारी कौन लेगा
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ बागेश्वर के जिलाध्यक्ष रमेश रावत कहते हैं कि मुख्य शिक्षाधिकारी को व्यवहारिक तौर पर लिखित आदेश देना चाहिए था। तीन-चार बच्चों को विद्यालय बुलाने से संक्रमण का खतरा बना रहेगा। अगर बच्चे या शिक्षक संक्रमित हुए तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। लिखित आदेश न होने से बच्चों के संक्रमित होने पर भी शिक्षकों की परेशानी बढ़ सकती है।
आदेश का पालन होगा—सौन
मुख्य शिक्षा अधिकारी गजेंद्र सिंह सौन का इस मामले पर कहना है कि शासन से मिले आदेश को संबंधित अधिकारियों को व्हाट्सएप के माध्मय से भेजा गया है। इसमें अलग से जिला स्तर पर आदेश जारी नहीं किया है। जैसे-जैसे शासन से आदेश मिलेंगे, उसका पालन जिले में कराया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Back to top button
किचन गार्डन में जरूर लगाएं ये पौधे, सेहत के लिए भी फायदेमंद Uttarakhand : 6 PCS अधिकारियों के तबादले शाहरूख खान की फिल्म डंकी 100 करोड़ के क्लब में शामिल हिमाचल में वर्षा, बर्फबारी होने से बढ़ी सर्दी Uttarakhand Job : UKSSSC ने निकाली 229 पदों पर भर्ती