अल्मोड़ा: वैदिक यज्ञ व वैदिक होली गीत गाकर मनाई होली
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✍️ आर्य समाज में होलिकोत्सव, परंपरा पर डाला प्रकाश
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: यहां आर्य समाज में होलिकोत्सव आयोजित हुआ। जिसमें वैदिक यज्ञ में गेहूं व जौ की बालियों की विशेष आहुतियां दी गई और होली के वैदिक गीतों का गायन हुआ। वहीं आर्य समाज के मंत्री दयाकृष्ण कांडपाल ने होली के महत्व पर प्रकाश डाला।
आर्य समाज के मंत्री कांडपाल ने बताया कि जब किसान शीतकाल में अपनी उपज के रूप में गेहूं की हरी बालियों का दिग्दर्शन करते हैं और उन्हें भूनकर प्रसाद रूप में बांटते हैं। इसी खुशी में होली का त्यौहार मनाने की परंपरा है और किसान खुशी में नाचते—झूमते व गाते हैं। उन्होंने समझाया कि होली पर्व एक प्रकार से शीतकालीन मौसम का अंतिम उत्सव व ग्रीष्मकाल के शुभारंभ की खुशी भी है। मगर आज होली परंपरा का विकृत स्वरूप सामने आ रहा है। जिसके कई दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं। उन्होंने लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सावधान करते हुए कहा कि कैमिकल रंगों के बजाय हल्दी, नारियल व फूलों के रंगों का प्रयोग करना चाहिए। इस मौके पर एक—दूसरे पर रंग छिड़क कर होली की शुभकामनाएं दी गई। कार्यक्रम में आर्य समाज के प्रधान दिनेश तिवारी, कोषाध्यक्ष गौरव भट्ट, उप प्रधान मोहन सिंह रावत, पुस्तकालय अध्यक्ष किशन सिंह रावत सहित कई महिला व पुरुष शामिल रहे।