अल्मोड़ा: सड़क से एक फिट ऊंची बनी नाली, तो जन्मी समस्या

✍️ नगर के रानीधारा में भविष्य में नाली से संकट पैदा होने का अंदेशा ✍️ प्रभावित लोगों ने निर्माण एजेंसी के ईई से की लिखित​…

सड़क से एक फिट ऊंची बनी नाली, तो जन्मी समस्या

✍️ नगर के रानीधारा में भविष्य में नाली से संकट पैदा होने का अंदेशा
✍️ प्रभावित लोगों ने निर्माण एजेंसी के ईई से की लिखित​ शिकायत

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: नगर के रानीधारा सड़क किनारे नाली निर्माण से निकट भविष्य में कुछ परिवारों के सामने मुश्किलें खड़ी होने का अंदेशा पैदा हो गया है। भविष्य की समस्या से आशंकित लोगों ने निर्माण एजेंसी सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता के पास अपनी आ​पत्ति दर्ज करते हुए समस्या का समाधान करने का अनुरोध​ किया है। समस्या तब पैदा हो गई, जब करीब 50—60 मीटर लंबे क्षेत्र में ईंट व सीमेंट से दीवार सी बनाकर नाली बना दी और यह नाली सड़क के लेवल से लगभग एक फिट ऊंची उठा दी गई।

दरअसल, लंबे समय से भारी परेशानी का सबब बनी नगर की रानीधारा सड़क का निकट भविष्य में जीर्णोद्धार होने जा रहा है। इसी क्रम में इनदिनों इस सड़क किनारे नाली का निर्माण कार्य चल रहा है। यह कार्य साईं बाबा मंदिर की तरफ से रानीधारा की ओर चला है और काफी हिस्से में नाली निर्माण भी हो चुका है। अधिकांश हिस्से में सड़क के लेवल से नीचे खोदकर नाली तैयार की गई है, लेकिन रानीधारा में पूरन चंद्र उपाध्याय व जीवन चंद्र उपाध्याय के मकान से आगे प्रो. एसएस पथनी, एडवोकेट सुनीता पांडे व आरके पांडे के मकानों के समीप करीब 50—60 मीटर लंबाई में नाली का मानक बदल गया है। इस स्थान पर नाली सड़क के लेवल से नीचे नहीं खोदी गई है बल्कि ईंट व सीमेंट से सड़क के लेवल से लगभग एक फिट ऊंची दीवार तैयार नाली का स्वरुप तैयार कर दिया गया है। यहीं से समस्या पैदा हो गई। वजह ये है कि इस ऊंची नाली को सड़क के लेवल से जोड़ने के लिए बाद में सड़क निर्माण के वक्त इस जगह पर भरान कर सड़क को भी लगभग एक​ फिर ऊंचा उठाना पड़ेगा और इससे वहां स्थित कुछ मकानों के प्रवेश द्वार/गेट खुलने मुश्किल हो जाएंगे।

इस पर प्रो. एसएस पथनी व एडवोकेट सुनीता पांडे ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने इसकी लिखित शिकायत निर्माण एजेंसी के अधिशासी अभियंता से की है और कहा है कि वर्तमान में नाली निर्माण का कार्य चल रहा है। ऐसे में अभी नाली की इस ऊंचाई को कम किया जाए और इस जगह पर भी खोदकर ही नाली निर्माण किया जाए। अन्यथा भविष्य में उनके घरों के गेट व प्रवेश मार्ग बाधित हो जाएंगे। प्रभावित लोगों ने अंदेशा व्यक्त किया है कि जहां नाली ऊंची की गई है, वहां नीचे चट्टान लगने की वजह से खोदा नहीं गया। इधर लोगों की यह शिकायत भी है कि सीमेंट से नाली निर्माण तो किया जा रहा है, लेकिन नियमानुसार उसकी तराई नहीं की जा रही है। जिससे उसकी गुणवत्ता में कमी आने की संभावना है।
क्या कहते हैं संबंधित अधिकारी

अल्मोड़ा: नाली निर्माण को लेकर उठी शिकायत के बाबत पूछे जाने पर निर्माण एजेंसी सिंचाई विभाग के जेई तनुज वर्मा कहते हैं कि तय मानक के तहत ही नाली निर्मित की जा रही है और उच्चाधिकारियों के निर्देश पर ही शिकायतकर्ताओं की समस्या का समाधान किया जा सकेगा, जबकि अधिशासी अभियंता मोहन सिंह रावत ने बताया कि उनके पास शिकायत पहुंची है और जेई व एई को मौके पर भेजकर वास्तविक स्थिति की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

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