सुप्रसिद्ध शिक्षाविद, इतिहासकार एवं एनसीईआरटी के पब्लिकेशन डायरेक्टर प्रोफेसर सिराज अनवर का निधन हो गया है। वह कोरोना संक्रमण के चलते नई दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। बुधवार की मध्यरात्रि उनका निधन हो गया। मूल रूप से अल्मोड़ा के नृसिंहबाड़ी निवासी प्रोफेसर सिराज अनवर 58 वर्ष के थे। वह पूर्व तहसीलदार हाजी अब्दुल शकूर के पुत्र थे। अलीगढ़ मुस्लिम विवि से उच्च शिक्षा हासिल करने पश्चात वह एनसीईआरटी में उन्होंने सेवा शुरू की। वर्तमान में वह एनसीईआरटी के पब्लिकेशन डायरेक्टर थे।
एक शिक्षाविद और इतिहासकार होने के साथ ही डॉ. सिराज सामाजिक कार्यों में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते थे। पिछले वर्ष कोविड संक्रमण के दौरान उन्होंने लोगों को खाद्यान आदि से मदद भी की। यही नहीं पूर्व की कई आपदाओं में भी वह लोगों की मदद करते थे, लेकिन हमेशा गुप्तरूप से ही अपने मदद के कार्यों को अंजाम देते थे।
इधर अमन ट्रस्ट के प्रमुख ट्रस्टी रघु तिवारी ने कहा कि डॉ. सिराज अमन संस्था के संस्थापक सदस्यों में थे। पिछले 45 साल से वह सामाजिक कार्यों और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डॉ. सिराज के निधन से शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र को अपूरनीय क्षति हुई है। यह कमी कभी पूरी नहीं हो सकती है। इधर पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी ने भी सिराज अनवर के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सिराज सरोकारों से जुड़े व्यक्ति थे उनके सामाजिक और शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान को समाज कभी नहीं भुला पाएगा।
इधर अमन की समन्वयक नीलिमा भट्ट, डॉ. पुष्कर बिष्ट ने भी डॉ. सिराज अनवर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। हम सीएनई परिवार की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।