लालकुआँ। मुहर्रम की 10 तारीख को ताजिये और जुलूस निकालकर इमाम हुसैन की शहादत को याद किया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते जलसों और जुलूस निकालने पर प्रतिबंध है। जिसके मद्देनजर प्रशासन द्वारा गाइडलाइन जारी कर जरूरी दिशा निर्देश दिए गए है।
इसी कड़ी में आज मुहर्रम कमेटी के सदर निसार खान ने अहले वतन से अपील करते हुए कहा कि शासन प्रशासन के द्वारा जारी निर्देशों का पालन करे और सादगी के साथ गम-ए-हुसैन को मनाए। उन्होंने इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए बताया कि इंसानियत और इंसाफ को जिंदा रखने के लिए इमाम हुसैन शहीद हुए इमाम हुसैन ने अपने और साथियों को दुश्मनों के आगे झुकने नहीं दिया। दीन के इन मतवालों ने झूठ के आगे सर झुकाने के बजाय अपने सर को कटाना बेहतर समझा और वह लड़ाई आलम-ए-इस्लाम की एक तारीख बन गई ।
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