अल्मोड़ा: सदैव जन सरोकारों से जुड़े रहे ‘गिर्दा’

👉 पुण्यतिथि पर याद किए गए जनकवि गिरीश तिवारी👉 भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और जनगीत गाए गए सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: उत्तराखंड के कई जनांदोलनों में अपने…

सदैव जन सरोकारों से जुड़े रहे 'गिर्दा'

👉 पुण्यतिथि पर याद किए गए जनकवि गिरीश तिवारी
👉 भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और जनगीत गाए गए

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: उत्तराखंड के कई जनांदोलनों में अपने प्रेरक गीतों से जोश भरने वाले प्रसिद्ध जनकवि गिरीश चंद्र तिवारी ‘गिर्दा’ को आज उत्तराखण्ड़ लोक वाहिनी ने 13वीं पुण्यतिथि पर याद किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। जनांदोलनों में उनकी सक्रिय भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उनके जनगीत गाए गए।

उत्तराखंड लोक वाहिनी ने गिर्दा की 13वीं पुण्यतिथि पर संगोष्ठी व श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें उनका भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके गीत गाए गए। संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि चर्चित चिपको आन्दोलन में गिरीश तिवारी “गिर्दा” के जनगीतों की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यों व व्यक्तित्व पर प्रकाश डा़लते हुए वक्ताओं ने कहा कि भले ही राजनैतिक मजबूरी के चलते लोग गिर्दा का स्मरण नहीं कर रहे हों, लेकिन उनसे जो मागदर्शन समाज को मिल रहा था, वास्तव में आज उसका अभाव हो गया है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक क्षेत्र में अग्रणी माना जाने वाला अल्मोड़ा अब चुप रहने लगा है। लोगों ने जन मुद्दों व जन समस्याओं पर चिंतन से दूरी बना ली है। उन्होंने कहा कि हालात इतने खराब हैं कि सरकार ने जुआ खेलने पर भले ही रोक लगा रखी हो, मगर मोबाइल के जरिये खुलेआम जुआ चल रहा है। कहीं कोई आवाज नहीं उठ रही।

वक्ताओं ने कहा कि गिरीश तिवारी जैसे लोगों की बदौलत ही उत्तराखंड राज्य बना, किंतु आज तक उनके ही सहयोगी राज्य आन्दोलनकारी घोषित नहीं हो सके। वक्ताओं ने कहा कि गिर्दा के जिंदा रहते ऐसा कोई दिन नहीं बीता जब गिर्दा की राज्य से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विषयों पर जननेता डा. शमशेर सिंह बिष्ट से वार्ता नहीं होती हो। वक्ता बोले कि गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ सदैव जन सरोकारों से जुड़े रहे। इस मौके पर दीवान नगरकोटी, त्रेपन सिंह चौहान, षष्ठी दत्त जोशी, स्वामी अग्निवेश आदि को भी याद किया गया। संगोष्ठी में निर्णय लिया गया कि आगामी 22 सितम्बर को डा. शमशेर सिंह बिष्ट की पुण्यतिथि पर उत्तराखण्ड़ की वर्तमान परिस्थितियों पर एक संगोष्ठी होगी। संगोष्ठी की अध्यक्षता जंग बहादुर थापा ने की। जिसमें वाहिनी के महासचिव पूरन चन्द्र तिवारी, वरिष्ट नेता एडवोकेट जगत सिंह रौतेला, विशन दत्त जोशी, दयाकृष्ण कांडपाल, शिवदत्त पाण्डे, शिवराज सिंह, अजेयमित्र बिष्ट, रेवती बिष्ट, कलावती तिवारी व कुणाल तिवारी आदि ने विचार रखे।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *