Haldwani/Ranikhet: लगातार अनसुनी से खिन्न चिकित्सकों ने पकड़ी आंदोलन की राह
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- पहले चरण में बांहों में काले फीते बांधकर विरोध शुरू
- 30 अगस्त से ओपीडी बंद करने की चेतावनी दी
सीएनई रिपोर्टर, हल्द्वानी/रानीखेत
प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ उत्तराखंड के बैनर तले सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक विभिन्न मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की राह चल पड़े हैं। संघ का कहना है कि कई बारगी मांग पत्र की तरफ शासन का ध्यान खींचा जा चुका है और कई बार वार्ता हो चुकी हैं। मगर अनसुनी के फलस्वरूप अब मजबूरन आंदोलन की राह पर चलने का निर्णय लिया है। इसी सिलसिले में आज बेस अस्पताल हल्द्वानी, राजकीय चिकित्सालय रानीखेत समेत कुमाउं के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों ने पहले चरण में आज से बाहों में काला फीता बांधकर विरोध शुरू कर दिया हैं। यह सिलसिला 29 अगस्त तक चलेगा।
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गौरतलब है कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ द्वारा चिकित्सकों के स्थानान्तरण ट्रांसफर एक्ट के तहत ही किए जाने, लम्बे समय से दुर्गम/पर्वतीय क्षेत्रों में सेवा दे रहे चिकित्सकों का तबादला सुगम क्षेत्रों में करने, दुर्गम क्षेत्रों में तैनात स्नातक चिकित्सकों ( एमबीबीएस/बीडीएस) को वेतन का 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि देने, एसडीएसीपी में इतनी अधिक औपचारिक्ताओं व बैठकों की व्यवस्था को तुरन्त समाप्त करने, पीजी अध्ययनरत चिकित्सकों को पूर्व की भांति पूर्ण वेतन की व्यवस्था करने, चारधाम यात्रा व अन्य सभी यात्राओं/मेलों में ड्यूटी के दौरान चिकित्सकों के रहने/खाने की समुचित व्यवस्था करने, शिविरों में दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनवाने तत्काल बंद करने, सभी चिकित्सकों के लिए अनिवार्य प्रशासनिक व वित्तीय प्रशिक्षण लागू करने, कनिष्ठ चिकित्साधिकारियों को वरिष्ठ चिकित्साधिकारियों के उपर बिठाने की परिपाटी तत्काल बंद करने, दंत शल्यकों को शीघ्रातिशीघ्र उनके रिक्त पदों पर समायोजित करने, संविदा पर चिकित्सकों की तैनाती तत्काल बंद करने की मांग उठाई जा रही है।
इसी क्रम में आज हल्द्वानी बेस अस्पताल में आज संघ के सदस्य चिकित्सकों ने बांहों में काले फीते बांधकर विरोध जताना शुरू कर दिया। उन्होंने अस्पताल परिसर में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन भी किया। ऐसा प्रदर्शन राजकीय चिकित्सालय रानीखेत सहित कुमाउं के अन्य अस्पतालों में चला। यह कार्यक्रम 29 अगस्त तक चलेगा। संघ की चेतावनी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर जल्द गौर नहीं फरमाया, तो 29 अगस्त 2022 को संघ की बैठक आयोजित होगी, जिसमें आंदोलन के अगले चरणों के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। जिसके तहत 30 अगस्त से ओपीडी के बहिष्कार अथवा सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार जैसा कदम भी उठाया जा सकता है।