👉 पांचों आरोपियों से बरामद हुई 963 ग्राम अवैध चरस
👉 स्मैक के आरोपी को न्यायालय ने किया दोषमुक्त
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: नशे के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है। इसी के तहत कपकोट थाना पुलिस ने अवैध चरस के साथ 05 युवकों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से कुल 963 ग्राम अवैध चरस बरामद की गई है। ये युवक देहरादून से बागेश्वर की सैर पर आए थे।
पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने पुलिस कार्यालय में पत्रकारों के समक्ष मामले का खुलासा करते हुए बताया कि जनपद को नशा मुक्त बनाने एवं अवैध चरस व शराब के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश सभी थाना के चौकी प्रभारियों को दिये हैं। इस दौरान कपकोट थाना पुलिस ने थाना प्रभारी कैलाश बिष्ट के नेतृत्व में चेकिंग अभियान चलाया, तो इसी बीच संदिग्ध प्रतीत होने पर खाईबगड़ सरयू पुल के समीप एक इनोवा वाहन संख्या यूके 07BL 3456 को रोका और उसमें सवार 05 युवकों की तलाशी ली। ये युवक देहरादून से बागेश्वर घूमने के बहाने से आए थे।
जैसे ही पुलिस ने वाहन रोककर चेकिंग की, तो युवक सकपका गए। जिस पर पुलिस का शक और बढ़ गया। तब उनकी व्यक्तिगत चेकिंग हुई। तो वाहन में बैठे कुलदीप सिंह के पास 186 ग्राम अवैध चरस, प्रिंस त्यागी के पास से 204 ग्राम अवैध चरस, मनीष जोशी के पास से 185 ग्राम अवैध चरस, पंकज कुमार के पास से 211 ग्राम अवैध चरस और कृष्ण सिंह वल्दिया के पास से 177 ग्राम अवैध चरस बरामद की गई। पांचों आरोपियों से कुल 963 ग्राम अवैध चरस बरामद की गई है। एसपी ने बताया सभी आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है, जबकि उनके वाहन को सीज कर लिया गया है। पुलिस टीम में उपनिरीक्षक विवेक चंद्र, हेड कांस्टेबल राजेंद्र प्रसाद, भास्कर भट्ट और अमजद खान शामिल रहे।
स्मैक के आरोपी दोषमुक्त
बागेश्वर: जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे की अदालत ने गत गुरुवार को स्मैक के एक आरोपी को दोषमुक्त करार दिया है। आरोपी की ओर से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 437-क के तहत पत्रावली पर दाखिल बंधपत्र छह माह तक प्रवृत्त रहेंगे।
घटना 18 मई 2021 की है। झिरौली पुलिस ने कपकोट तहसील के हरसीला निवासी मनोज सिंह मेहता पुत्र रघुवर सिंह मेहता को 8.33 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया। उसके विरुद्ध एनडीपीएस में मामला दर्ज किया गया। अधिवक्ता नरेंद्र कोरंगा ने तोल के तराजू पर बहस की। प्रस्तुत फोटोग्राफ के अनुसार बरामद माल भिन्न-भिन्न तराजू से तोला गया था और दुकानदार जीवन सिंह रौतेला के तराजू से माल तोला जाना बताया गया, लेकिन दुकानदार ने उसका तराजू होने से इंकार कर दिया। 50 से 100 मीटर दूरी पर पटवारी चौकी, पशु अस्पताल भी विवेचना में दिखाया गया, लेकिन किसी भी कर्मचारी को बतौर साक्षी न्यायालय में पेश करने का प्रयास नहीं किया गया। यहां तक कि सिंदूरी पुलिस बैरियर से नियुक्त पुलिस कर्मी को भी साक्षी नहीं बनाया गया। इस पर न्यायालय ने आरोपी को दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया है।
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