हल्द्वानी न्यूज : वाह रे स्वास्थ्य विभाग / कोरोना संक्रमित मिली 12 को, 17 को हुई कालोनी सील, 23 को विभाग कह रहा कोविड जांच केंद्र जाकर स्वास्थ्य चेक कराएं

हल्द्वानी। कोरोना को लेकर चौकसी के बड़े बड़े दावे करने वाले स्वास्थ्य विभाग की पोल स मय समय पर जारी होने वाले वायरल वीडियो खोलते…

हल्द्वानी। कोरोना को लेकर चौकसी के बड़े बड़े दावे करने वाले स्वास्थ्य विभाग की पोल स मय समय पर जारी होने वाले वायरल वीडियो खोलते ही रहते हैं। लेकिन अब सीएनई से एक ऐसे परिवार ने संपर्क किया है जो पिछले कई दिनों से विभाग की लापरवाही की मार झेल रहा है।
कोरोना काल में लोगों को महामारी अधिनियम के नियमों का पाठ पढ़ाने वाले स्वास्थ्य विभाग के पास इतना वक्त ही नहीं है कि किसी के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उसके घर के आसपास समय पर बेरिकेट लगा ले। और फिर सबकुछ ठीक होने के बाद उसे ससमय खोल दे। विभाग के पास तो इतना समय भी नहीं है कि वह क्वारेंटीन किए गए लोगों के स्वारस्थ्य की जांच ही कर ले। ऐसी हालत में क्वारेंटीन किए गए परिवार को स्वयं बेरीकेटस पार करके कोविड जांच केंद्र जांच अपनी जांच कराने की सलाह दे रहा है।
मामला है रामपुर रोड स्थित गुरुनानक कालोनी का। जहां रहने वाले एक व्याक्ति की पत्नी पिछली 12 तारीख को एसटीएच में भर्ती कराई गई थी, हालांकि उन्हें कोई और समस्या थी लेकिन नियमानुसार उनकी जांच की गई और उन्हें भर्ती करा दिया गया। कई दिनों तक उनके परिजनों को किसी ने यह जानकारी ही नहीं दी कि उनकी कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई है अथवा निगेटिव। 17 तारीख को जब कालोनी के दोनों छोरों पर बेरीकेट्स लग गए तो उन्हें स्वयं ही समझ आया कि उनकी परिवार की सदस्य कोरोना पाजिटिव पाई गई है। तक से ही घर के मुखिया, उनके दो बेटे, उनकी एक बहू और उसके दो बच्चे घर में ही कैद होगए।
हालत यह हो गई कि वे समझ नहीं पा रहे कि आगे क्या करें। यहां तक कि नगर निगम के पर्यावरण मित्र ने उनका कूड़ा भी अपनी गाड़ी में डालने से इंकार कर दिया। घर के मुखिया मुरादाबाद में एक समाचारपत्र में नौकरी करते हैं। उनके दो बेटे यहीं रहते हैं। पिछले कई दिनों से उनकी छुट्टी चल रही है। आज जब उन्हें कोविड कंट्रोल रूम से फोन आया कि क्या कोई टीम उनके स्वास्थ्य की जांच करने आई है। जब उन्होंने मना किया तो फोन करने वाले ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता। लेकिन अगर टीम नहीं आई है तो उन्हें स्वयं मिनी स्टेडियम में जाकर अपने स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए। जब उन्होंने पूछा कि बाहर गली को सील किया गया है ऐसे में हम घर से कैसे निकल सकते हैं तो उन्हें बताया गया कि एक दो दिनों में बेरीकेट्स हटा लिए जाएंगे और फिर वे अपनी जांच कराएं।
अब सवाल यह है कि स्वयं ही सील करने के बाद स्वास्थ्य विभाग किसी को बेरीकेट्स लांघने की इजाजत कैसे दे सकता है। परिवार का एक सदस्य कोरोना संक्रमित मिलने पर समय पर उसके परिवार को सूचना न दिया जाना भी गंभीर मामला है। छह दिन बाद कालोनी को सील करना दूसरा गंभीर विषय है। अब कम से कम स्वास्थ्य विभाग इसमें तो कोई टालमटोल नहीं कर सकता।

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