🖋️ हल्द्वानी में हिंसा, फायरिंग व आगजनी की घटना पर जताई चिंता
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने हल्द्वानी में मदरसा तोड़ने को लेकर हुई हिंसा, फायरिंग, आगजनी पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सभी पक्षों व जनता से शांति बनाए रखने और इस पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से समयबद्ध जांच करने की मांग की है।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि इस मामले में 14 फरवरी को उत्तराखंड उच्च न्यायालय में संपत्ति के स्वामित्व को लेकर सुनवाई तय हो गई थी, तो इसके बावजूद सरकार व प्रशासन की जल्दबाजी तथा अधूरी तैयारी सवालों के घेरे में है। इसकी निष्पक्ष जांच कर इसके जिम्मेदार लोगों कर कार्रवाई होनी चाहिए। श्री तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड में हजारों धर्मस्थल व घर नजूल भूमि पर बने हैं, इनको हटाने के लिए भी सरकारों को कानून व संविधान की मान्यता का पालन करना चाहिए ताकि सरकार व पुलिस प्रशासन पर जनता का विश्वास कायम रह सके।
हल्द्वानी के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री तिवारी ने कहा 8 फरवरी, 2024 को दिन के 2 बजे नैनीताल उच्च न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई हुई थी, जिसमें न्यायालय ने अगली 14 फरवरी की तिथि नियत कर दी थी, किंतु न्यायालय में तिथि बदले जाने के तत्काल बाद सरकार व प्रशासन ने आनन—फानन में इस वृहद संवेदनशील मामले में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर दी, जो समझ से परे है। ऐसा करके सरकार व प्रशासन ने असामाजिक तत्वों को मौके का फायदा उठाने का मौका दे दिया। उपपा ने सरकार व समाज के सभी वर्गों से शांति व सौहार्द बनाए रखने की अपील करते हुए निष्पक्ष न्यायिक जांच करने और जांच से पहले इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में संदिग्ध भूमिका वाले अधिकारियों को हटाने की की मांग उठाई है।