तो क्या, हक की पेंशन लिए बगैर स्वर्ग सिधार जायेंगे पालिका के सेवानिवृत कार्मिक

भारी संकट के दौर से गुजर रहे अकेंद्रीयत सेवा के रिटायर्ड कर्मचारी अकेंद्रीयत सेवा पेंशन निधि के गठन की मांग सेवारतों को वेतन, सेवानिवृत्तों को…

  • भारी संकट के दौर से गुजर रहे अकेंद्रीयत सेवा के रिटायर्ड कर्मचारी
  • अकेंद्रीयत सेवा पेंशन निधि के गठन की मांग
  • सेवारतों को वेतन, सेवानिवृत्तों को पेंशन का नहीं हो पा रहा नियमित भुगतान
  • शासन—प्रशासन के जवाबों में विरोधाभास

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

नगर पालिका परिषद अल्मोड़ा से सेवानिवृत्त 150 के करीब सेवानिवृत्त कार्मिकों को पेंशन का लाभ नहीं मिल पाने से भारी संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। यह वह कार्मिक हैं, जिन्होंने पालिका में सालों अपनी सेवा दी, लेकिन अकेंद्रीकृत की श्रेणी में होने का खामियाजा इनको भुगतना पड़ रहा है। इस संबंध में सेवा निवृत्त उत्तराखंड नगर निकाय कर्मचारी संघ, अल्मोड़ा के शाखाध्यक्ष भुवन चंद्र लोहनी शासन—प्रशासन व पालिका से एक लंबी लड़ाई सेवानिवृत्ति के बाद भी लड़ रहे हैं। लगभग 80 साल की वृद्धावस्था में भी वह अकेंद्रीकृत सेवानिवृत्त कार्मिकों के हित के लिए संघर्षरत हैं।

भुवन चंद्र लोहनी ने बताया कि नगर पालिका परिषद, अल्मोड़ा के अकेंद्रीयत सेवा से सेवानिवृत्त होने पर अकेंद्रीयत सेवा के कर्मचारियों को पेंशन, उपादान का लाभ प्राप्त नहीं हो पाने के कारण कर्मचारियों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। शासन द्वारा 12 जून 2015 को ढांचे का गठन किया गया तथा उक्त ढांचे में कार्यरत अकेंद्रीयत सेवा के समूह ग के कर्मचारियों को केंद्रीयत सेवा में लेते हुए उन्हें पदोन्नति का लाभ प्रदान किया जा चुका है तथा उन केंद्रीयत कर्मचारियों हेतु पेंशन निधि का गठन कर दिया गया है। वहीं समूह ग के कुछ कर्मचारी जिनके पद मृत/समाप्त घोषित किये गये हैं, उनके लिए पालिका अकेंद्रीयत पेंशन निधि का गठन नहीं होने से पालिका अकेंद्रीयत सेवा के कार्मिकों को सेवा निवृत्ति उपरांत पेंशन, उपादान आदि देयकों का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे अकेंद्रीयत सेवा के कर्मचारियों सेवानिवृत्त उपरांत बिना पेंशन का लाभ प्राप्त किये हीं मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं।

श्री लोहनी ने कहा कि विडंबना यह है कि अकेंद्रीयत सेवा पेंशन निधि किसके अधीन संचालित है, इसको लेकर आज तक भ्रम की स्थिति है। उन्होंने शासन—प्रशासन व पालिका से हुए पत्राचारों व लगाई गई आरटीआई का हवाला देते हुए बताया कि पता करने पर अलग—अलग जानकारियों मुहैया करा दी गई हैं। उन्होंने गत 24 जून, 2014 को निदेशक, शहरी विकास निदेशालय, उत्तराखंड द्वारा सचिव, शहरी विकास अनुभाग को भेजे गए पत्र का हवाला भी दिया। जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ”अकेंद्रीयत सेवा कार्मिकों हेतु प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी स्तर पर अकेंद्रीयित सेवा निधि का गठन पूर्व से हो रहा है, जिस हेतु पृथक से पेंशन निधि का गठन करने की आवश्यकता नहीं है।” लोहनी ने कहा कि जहां पालिका द्वारा अकेंद्रीयत सेवा निधि का गठन करवाये जाने हेतु पत्र भेजने पर शासन—विभाग द्वारा पालिका अकेंद्रीयत सेवा पेंशन निधि जिलाधिकारी के नियंत्रणाधीन संचालित होना बताया जाता है। वहीं जिलाधिकारी से जब इस संबंध में संघ द्वारा जानकारी ली गई तो जिलाधिकारी अल्मोड़ा द्वारा सूचना नगर पालिका परिषद, अल्मोड़ा से लिये जाने हेतु पत्र भेजा गया। जिस पर 16 नवंबर, 2021 को नगर पालिका परिषद, अल्मोड़ा द्वारा बताया गया है कि पेंशन निधि का गठन जिलाधिकारी के नियंत्रण में नहीं है औ ना ही पालिका अकेंद्रीयत सेवा पेंशन निधि का गठन पालिका स्तर पर है। यानी अकेंद्रीय सेवानिवृत्तों की समस्या का कहीं कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है।

भुवन चंद्र लोहनी ने कहा कि पालिका अकेंद्रीयत सेवा निधि का गठन नहीं होने के कारण पालिका द्वारा सेवारत कर्मचारियों को वेतन तथा सेवा निवृत्त कर्मचारियों को पेंशन का नियमित रूप से भुगतान नहीं हो पा रहा है। साथ ही पालिका के कर्मचारियों के भविष्य निधि का भी ठीक प्रकार से रख—रखाव नहीं होने से तथा ​अर्बन बैंक के कर्मचारियों के बचत खातों में भविष्य निधि जमा करने से कर्मचारियों को काफी नुकसान हो रहा है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि पालिका अकेंद्री​यत सेवा पेंशन निधि का गठन यथाशीघ्र करवायें, ताकि पालिका अकेंद्रीयत सेवा के कर्मचारियों को भी केंद्रीयत सेवा के कर्मचारियों की भांति लाभ प्राप्त हो सके।

इधर इस संबंध में विभिन्न संगठनों द्वारा गत दिनों डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया। ज्ञापन भेजने वालों में सेवानिवृत्त उत्तराखंड नगर निकाय कर्मचारी संघ, नगर पालिका परिषद अल्मोड़ा के शाखाध्यक्ष भुवन चंद्र लोहनी, देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी महासंघ, अल्मोड़ा के शाखाध्यक्ष सुरेश केसरी, प्रदेश महामंत्री राजपाल पवार व नगर निकाय कर्मचारी महांसघ अल्मोड़ा के शाखाध्यक्ष भूपेंद्र जोशी शामिल रहे।

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