पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा में छाए संकट के बादल ! जानिए क्या है वजह

✒️ जानिए, यात्रा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां Kailash Mansarovar Yatra 2023 : साल 2020 में कोरोना की वजह से रोकी गई कैलाश मानसरोवर यात्रा…

कैलाश मानसरोवर यात्रा

✒️ जानिए, यात्रा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां

Kailash Mansarovar Yatra 2023 : साल 2020 में कोरोना की वजह से रोकी गई कैलाश मानसरोवर यात्रा में इस साल भी ग्रहण लग गया है। शायद इस बर्ष भी तीर्थ यात्री भगवान शिव धाम के दर्शन नहीं कर पायेंगे। इसका कारण वर्तमान वर्ष 2023 में चीन में कोरोना का बढ़ता प्रकोप बताया जा रहा है। ऐसे में भारत सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड प्रदेश में कैलाश मानसरोवर यात्रा की सरकारी नोडल ऐजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) है। ऐजेंसी कोरोना काल में हुए घाटे से उभर भी नहीं पाई था कि इस साल भी कैलाश मानसरोवर यात्रा की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है। केएमवीएन के प्रबंधक एपी बाजपेयी के अनुसार हर वर्ष यात्रा के लिए दिसंबर व जनवरी माह से पंजीकरण शुरू हो जाया करते हैं, लेकिन इस बार मामला खटाई में दिख रहा है। ऐसे में निगम को सालाना करीब 04 करोड़ का नुकसान हो रहा है।

ज्ञात रहे कि अन्य सालों में यात्रा को लेकर दिसंबर माह में ही विज्ञप्ति जारी हो जाया करती थी, लेकिन इस साल इस संबंध में कोई निर्देश नहीं आये हैं। इस यात्रा का मुख्य आयोजक विदेश मंत्रालय होता है, जिसकी ओर से यात्रा को लेकर कोई चर्चा नहीं की जा रही है। इस संबंध में कोई बैठक भी नहीं हो पायी है।

यह भी जानिये –

✒️ दरअसल पवित्र कैलास पर्वत 22 हजार 28 फीट ऊंचा एक पिरामिड है। जो कि साल भर बर्फ की सफेद चादर में लिपटा रहता है। धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार यह पवित्र पर्वत स्‍वयंभू है और हमारी सृष्टि में आदि काल से है। यहां अलौकिक दिव्यता के दर्शन होते हैं। यहां प्रकाश और ध्‍वनि तरंगों का समागम ‘ऊं’ की ध्वनि को प्रतिध्‍वनित करता है। कहा जाता है कि कैलाश पर्वत की तलछटी में कल्‍पवृक्ष सभी मनोकामना पूरी करता है।

✒️ कैलाश मानसरोवर की यात्रा हेतु 03 अलग-अलग राजमार्ग हैं। जिनमें लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड), नाथू ला दर्रा (सिक्किम) और काठमांडू है।

✒️ यह यात्रा सड़क व हवाई दोनों मार्गों से हो सकती है। सड़क से यात्रा में 15 से 16 दिन लग सकते हैं। नेपाल की राजधानी काठमांडू से आगे की सड़क यात्रा शुरू होती है। भारत में लिपुलेख पास और नाथुला पास (सिक्किम) से भी सड़क यात्रा शुरू की जा सकती है।

✒️ हेलीकाप्टर से भी कैलाश मानसरोवर की यात्रा होती है। हवाई यात्रा करने से न केवल समय की बचत होती है, बल्कि कई तरह के झंझटों से मुक्ति मिल जाती है। हेलीकाप्टर काठमांडू या नेपालगंज से उपलब्ध होता है।

चार धर्मों में कैलाश मानसरोवर का बड़ा महत्व –

कैलाश पर्वत, हिमालय से उत्तरी क्षेत्र में तिब्बत में स्थित है। तिब्बत चीन के अधीन होने के चलते यह चीन देश में ही आता है। सोचनीय पहलू यह है कि कम्यूनिस्ट देश चीन का यह हिस्सा कैलाश मानसरोवर चार धर्मों – तिब्बती, बौद्ध, जैन और हिंदू धर्म का प्रमुख आध्यात्मिक केन्द्र है। चार पवित्र नदियों ब्रह्मपुत्र, सिंधू, सतलज व करनाली का उद्गुगम कैलाश पर्वती की चार दिशाओं से होता है। हिंदू मानते हैं कि भगवान शिव-पार्वती कैलाश पर्वत के शिखर पर निवासरत हैं। जैनों के अनुसार, कैलाश वह स्थान है जहां पहले जैन तीर्थंकर ने निर्वाण प्राप्त किया था। बौद्ध मान्यता है कि कैलाश पर्वत पर बुद्ध रहते हैं। सभी धर्म मानते हैं कि यहां अवस्थित मानसरोवर झील में स्नान करने से मनुष्क के सभी पाप धुल जाते हैं।

यात्रा के लिए सामान्य व अनिवार्य शर्तें –

✒️ कैलाश मानसरोवर यात्रा को केवल भारतीय नागरिक ही कर सकता है।

✒️ उसके पास कम से कम 06 महीने के लिए वैध भारतीय पासपोर्ट होना चाहिए।

✒️ आयू न्यूनतम 18 और अधिकतम 70 साल हो सकती है।

✒️ यात्री को फिजिकली और मेडिकल रूप में फिट होना चाहिए।

✒️ विदेशी नागरिक और ओसीआई कार्ड वाले लोगों को अप्लाई करने का अधिकार नहीं।

✒️ क्षतिपूर्ति बंध–पत्र भरना : एक गैर–न्यायिक स्टाम्प पेपर पर, जिसे फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट या नोटरी पब्लिक द्वारा प्रमाणित किया गया हो तैयार करना होगा। यात्री को बॉन्ड पर हस्ताक्षर करने पड़ते हैं। जिसमें यह लिखा होता है की वह अपने जोखिम पर यात्रा कर रहे हैं। यदि उनकी मौत बीच में हो जाती है तो शव पर भारत का नहीं चीन का अधिकार होगा।

कैसे मिलता है कैलाश मानसरोवर का यात्रा परमिट (Travel Permit) –

✒️ कैलाश पर्वत की यात्रा यदि ल्हासा से करें तो संबंधित को तिब्बत का परमिट लेना होगा। एक तिब्बतन गाइड बुरंग में माउंट कैलाश जाने के लिए यात्रा, सैन्य और अन्य विदेशी मामलों का परमिट दिलवायेगा।

✒️ काठमांडू से यात्रा करने पर आवश्यक कागजातों के साथ ही तिब्बत में प्रवेश के लिए ऑरिजनल पासपोर्ट के साथ चीन ग्रुप वीजा लेना होगा। इस प्रक्रिया में तीन दिन अलग से लग जाते हैं।

अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न – कैलाश मानसरोवर किस देश में है ?

उत्तर – कैलाश पर्वत, हिमालय से उत्तरी क्षेत्र में तिब्बत में स्थित है। तिब्बत चीन के अधीन होने के चलते यह चीन देश में ही आता है।

प्रश्न – कैलाश मानसरोवर की यात्रा कब होती है ?

उत्तर – हर वर्ष यात्रा के लिए दिसंबर व जनवरी माह से पंजीकरण शुरू हो जाया करते हैं। वहीं, प्रति वर्ष जून के प्रथम सप्ताह में यात्रा शुरू हो जाया करती है।

प्रश्न – कैलाश मानसरोवर हवाई मार्ग से कैसे जायें ?

उत्तर – हेलीकाप्टर से भी कैलाश मानसरोवर की यात्रा होती है। हवाई यात्रा करने से न केवल समय की बचत होती है, बल्कि कई तरह के झंझटों से मुक्ति मिल जाती है। हेलीकाप्टर काठमांडू या नेपालगंज से उपलब्ध होता है।

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