अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे, जहां हर साल हादसे लील लेते हैं जिंदगियां

📌 सालों से बदहाल, डामरीकरण की गुणवत्ता पर भी सवाल पनुवानौला/अल्मोड़ा। अल्मोड़ा पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे (Almora Pithoragarh Highway)। इस सड़क मार्ग का नाम आते ही…

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे, जहां हर साल हादसे लील लेते हैं जिंदगियां

📌 सालों से बदहाल, डामरीकरण की गुणवत्ता पर भी सवाल

पनुवानौला/अल्मोड़ा। अल्मोड़ा पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे (Almora Pithoragarh Highway)। इस सड़क मार्ग का नाम आते ही उत्तराखंड के उस महत्वपूर्ण राजमार्ग की तस्वीर सामने आती है। जो न केवल दो जनपदों बल्कि सीमावर्ती देश चीन व नेपाल की सीमाओं से भी लिंक होता है। इतना अहम हाईवे होने के बावजूद कोई साल ऐसा नहीं गुजरता जब यहां होने वाली दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में इंसानों की जाने नहीं जाती हों। इसका सबसे अहम कारण यही है कि इस मार्ग की शुरूसे ही उपेक्षा की जाती रही है और सुधारीकरण का काम यहां सिर्फ फाइलों तक सीमित है।

चीन व नेपाल से भी लिंक

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में पिथौरागढ़ इकलौता ऐसा ज़िला है जिसकी सीमाएं चीन और नेपाल से सटी हैं। इसे बावजूद इस सीमावर्ती जिले का महत्वपूर्ण हाईवे सालों से बदहाल बना हुआ है। बीते कुछ समय से यहां हो रहे डामरीकरण की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोप है कि डामर उखड़ने से जगह-जगह गढ्ढे हो चुके हैं। जिससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।

जगह-जगह उखड़ने लगा है डामर

उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाइवे में लगभग बीते दो वर्ष से डामरीकरण का काम चल रहा है। हाइवे में पहले फेस का डामरीकरण अल्मोड़ा से दन्या बाजार तक किया गया था। दूसरे फेस में दन्या से पनार तक डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है। हाइवे में कई जगहों पर डामर के उखड़ने से सड़क मार्ग में गड्ढे बन चुके हैं। जो वाहनो की आवाजाही में घातक बना हुआ है।

50 करोड़ का बजट स्वीकृत, काम ढेले का नहीं

जहां एक ओर सड़क पर गड्ढे हैं, वहीं दूसरी ओर सड़क के किनारे टूटी दीवालों का अभी तक निर्माण कार्य नही होना विभाग की लापरवाही दर्शाती है। ज्ञात रहे कि दो साल पहले दन्या से पनार तक हाइवे के सुधारीकरण के 50 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है। इसके बावजूद दो साल का वक्त गुजर जाने के बाद भी न तो डामरीकरण का कार्य हो पाया है और ना ही सुधारीकरण देखने को मिला। आये दिन मार्ग में जाम जैसी स्थिति बन जाती है।

गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल

दन्या-पनार के बीच होने वाले डामरीकरण की गुणवत्ता पर क्षेत्रीय लोगों की बार-बार शिकायतें भी आ रही हैं। आरोप है कि दन्या पनार सड़क मार्ग में बने स्क्रबर को भी सही तरीके से विभाग द्वारा व्यवस्थित नहीं किया गया है। पानी की निकासी के लिए बने स्क्रबर ही कई स्थानों पर दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।

सेना के वाहन गुजरते वक्त भारी दिक्कत

देश का सीमांकन क्षेत्र होने से जवानों की कई टुकड़ियों को हाइवे से गुजरना होता है। जब आर्मी के ट्रकों को हाइवे से गुजरना होता है तो मार्ग से आने वाले अन्य वाहनों को वहा का वही ठहराना पड़ जाता है चाहे वह आम हो या खास।

क्या कहते हैं जन प्रतिनिधि ?

👉 प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला उपाध्यक्ष हरीश दरमवाल ने बताया ही पहाड़ को पर्यटन नगरी के रूप में देखा जाता है। सीमांत देश चीन व नेपाल को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग की खस्ता हालत है। इस मार्ग पर हर वर्ष सैकड़ों लोगों को जान गंवानी पड़ती है और कई लोग चोटिल भी हो रहे हैं।

✒️ प्रधान प्रतिपक्ष डीके जोशी ने बताया अल्मोड़ा पिथौरागढ़ हाइवे में हो रहे डामर की गुणवत्ता कमी है। चीन, नेपाल सीमाओं को जोड़ने वाले हाइवे में यदि भारतीय सेना के वाहनों की आवाजाही के समय हाइवे पर स्थानीय वाहनों को जहां के तहां ठहरना पड़ता है। जबकि राज्य सरकार भी अल्मोड़ा पनार के बीच हाइवे चौड़ीकरण का आश्वासन दे चुकी है।

📌 सामाजिक कार्यकर्ता बसंत पांडे ने बताया हाइवे अल्मोड़ा पनार तक सड़क के किनारे बंद नाला नही बनने से दो पहिया वाहनों को कई बार नाले में गिरते हुए देखा गया है। कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं। जबकि हाइवे पर समयावधि के बीच कार्य होना जरूरी है।

हमेशा बनी रहती सैलानियों की आवाजाही

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे हाइवे से जागेश्वर, वर्ध जागेश्वर, कैलाश मानसरोवर, पाताल भुवनेश्वर, हाट कालिका, लोहाघाट, पिथौरागढ़, मुनस्यारी, मायावती, चंपावत पूर्णागिरि जगहों को सैलानियों की आवाजाही हमेशा ही बनी रहती है। इतने महतवपूर्ण मार्ग की बदहाल दशा समझ से परे है।

इस महत्वपूर्ण परीक्षा में 50 प्रतिशत से ज्यादा अ​भ्यर्थी रहे गैर हाजिर


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *