अल्मोड़ा ब्रेकिंग: वीडियो वायरल करने वाला अस्पताल कर्मी ही निकला

👉 जांच समिति ने किया खुलासा, कर्मचारी तत्काल प्रभाव से निलंबित👉 बेस अस्पताल में ह्वील चेयर व सीढ़ी के खुद चलने का राज खुला सीएनई…

फाइवर लाइन जली, तमाम विभागों की इंटरनेट सेवा प्रभावित

👉 जांच समिति ने किया खुलासा, कर्मचारी तत्काल प्रभाव से निलंबित
👉 बेस अस्पताल में ह्वील चेयर व सीढ़ी के खुद चलने का राज खुला

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: पिछले दिनों बेस अस्पताल अल्मोड़ा में ह्वील चेयर व सीढ़ी के खुद—ब—खुद चलने की वायरल वीडियो की सच्चाई सामने आ गई है। जांच कमेटी ने सीढ़ी व ह्वील चेयर के खुद चल पड़ने का राज खोल दिया है। दरअसल, ये वीडियो एडिट कर बनाए गए थे और इसे बनाने वाला अस्पताल का ही संविदा कर्मचारी निकला। अस्पताल प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए इस कर्मचारी को निलंबित कर दिया है जबकि उसके 04 साथी कर्मचारियों से शपथ पत्र में माफीनामा लिय गया है।

उल्लेखनीय है कि मेडिकल कालेज अल्मोड़ा के अंतर्गत बेस अस्पताल पिछले दिनों दो अलग—अलग वीडियो वायरल होने से चर्चा में आ गया। एक वीडियो में अस्पताल परिसर में बिना किसी मरीज व सहारे के ही एक ह्वील चेयर खुद—ब—खुद चलती दिखाई दी और दूसरे वीडियो में एक सीढ़ी समतल पर यत्र—तत्र डोलते हुए चलते दिखाई गई है। ये दोनों वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इससे आम लोगों में यह संदेश चला गया कि यह भूतप्रेत या दैवीय शक्ति का असर है। इससे मरीजों व तीमारदारों में दहशत सी फैलने लगी। अस्पताल प्रबंधन ने वीडियो को फेक बताया और सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई, तो ऐसा कुछ नहीं पाया गया और अस्पताल के प्रभारी पीएमएस डा. अमित सिंह ने कहा कि भविष्य में किसी ने ऐसी वीडियो बनाकर वायरल की, तो प्राथमिकी दर्ज की जाएगी, लेकिन लोगों में संशय बना रहा।

पिछले दिनों कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में एक ज्ञापन सीओ को दिया था और ऐसी वीडियो वायरल करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की। इधर अस्पताल प्रशासन ने जांच समिति गठित की। जांच पूरी होने से इसका राज खुलकर सामने आ गया। यह वीडियो बनाने के पीछे अस्पताल के कर्मचारी का ही दिमाग लगा। अस्पताल के प्रभारी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. अमित सिंह ने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी अस्पताल के आक्सीजन प्लांट में कार्यरत संविदा कर्मचारी सौरभ उपाध्याय निकला। जिसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही 04 संविदा कर्मचारी उसके सहयोगी भी बने रहे। जिनसे स्टांप पेपर में माफीनामा लिया गया है।

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