CNE SpecialHimachal

नालागढ़ ब्रेकिंग : चल रहे थे नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी के पेपर, आ गई दो कोरोना संक्रमित अभ्यर्थिनी और हो गया ये विवाद, प्रशासन लाजवाब


नालागढ़। नगर निकाय कार्यकारी अधिकारी व सचिव की परीक्षा में न बैठ पाई के दो छात्राओं ने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। दरअसल दोनों छात्राएं कोरोना संक्रमित हैं और उनका दावा है कि उन्होंने इसके बारे में परीक्षा करा रहे लोक सेवा आयोग को पहले ही सूचित कर दिया था। और वहां से उन्हें आश्वासन मिला था कि उनके बैठने के लिए अलग से इतजाम करने के लिए जिला प्रशासन को सूचित करा दिया गया है। जबकि परीक्षा की निगरानी कर रहे एसडीएम नालागढ़ ने कहा है कि उन्हें इस बारे में किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी गई थी।
दोनों ही छात्राओं को कहना है कि वह परीक्षा देने के लिए नालागढ़ के दून वैली पब्लिक स्कूल सेंटर में आई थी, लेकिन यहां पर इंचार्ज व स्थानीय प्रशासन द्वारा उन्हें परीक्षा में इसलिए नहीं बैठने दिया गया कि उनके बारे में उन्हें आयोग की ओर से कोई भी सूचना नहीं मिली है। पीड़ितों ने आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग द्वारा जो भी हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए थे, उन नंबरों पर उन्होंने फोन करके जानकारी दी गई थी और उसके बाद जब उनसे सम्बंधित दस्तावेज मांगे गए तो इन्हें मेल के माध्यम से भेजे गए। पीड़ितों का कहना है कि आयोग की ओर से उन्हें कहा गया कि डीसी सोलन के माध्यम से स्थानीय प्रशासन तक आपके बारे में सूचना पहुंचा दी जाएगी और आपको वहां पर परीक्षा में बैठने की अलग से व्यवस्था की गई है।
पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके द्वारा पहले ही हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को मेल के माध्यम से जानकारी दे दी गई थी कि वह कोविड-19 की मरीज है और उन्हें आयोग की ओर से कहा गया था कि आप अपने सेंटर तक पहुंचे वहां पर आपके बैठने के लिए अलग से व्यवस्था करवाई गई है। आप अलग कमरे में बैठकर अपनी परीक्षा दे सकते हैं दोनों ही अभ्यर्थियों ने कहा कि यहां पहुंचते ही उन्हें परीक्षा देने से मना कर दिया गया। कोविड-19 के मरीजों को दूसरे लोगों के साथ परीक्षा देने नहीं दिया जाएगा।
पीड़ितों ने कहा कि वह जिस कार्यकारी अधिकारी व सचिव के लिए परीक्षा देने आए हैं और उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा परेशान किया जा रहा है और उन्हें परीक्षा में नहीं बैठने दिया जा रहा है उन्होंने कहा कि उनकी ओर से तो हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को हेल्पलाइन नंबर ओर मेल के माध्यम से सूचित कर दिया गया था और आयोग की ओर से उन्हें कहा गया था कि आप परीक्षा केंद्र पहुंचे वहां पर आपके बैठने के लिए उचित व्यवस्था की गई है और आप परीक्षा दे सकते हैं उन्होंने कहां कि जब परीक्षा केंद्र तक पहुंचे तो वहां पर उन्हें परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। और बताया गया कि आपके बारे में आयोग की ओर से कोई भी सूचना नहीं है पीड़ितों ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उनकी ओर से तो नियमों के अनुसार जहां-जहां सूचना देनी चाहिए थी वहां वहां सूचना दे दी गई थी लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनके 3 साल बर्बाद हो गए हैं ।
इस बारे में जब हमने एसडीएम नालागढ़ महेंद्र पाल गुर्जर से बात की तो उन्होंने कहा कि इन दोनों ही छात्राओं के बारे में आयोग की और से उनके पास कोई भी सूचना नहीं दी गई है जिसके चलते कोविड-19 के मरीजों को एहतियात के तौर पर आम लोगों के साथ परीक्षा में नहीं बैठने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मरीजों के लिए नौणी में परीक्षा देने की व्यवस्था की गई है।
इस बारे में जब हमने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अधिकारी भूतेश्वर से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि वह मीडिया को जानकारी देने के लिए ऑथराइज नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बारे में सचिव से बात करें।

आज सुनिए सुनो कहानी में हिमाचल के कथाकार प्रदीप गुप्ता की कहानी आन डयूटी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Back to top button
किचन गार्डन में जरूर लगाएं ये पौधे, सेहत के लिए भी फायदेमंद Uttarakhand : 6 PCS अधिकारियों के तबादले शाहरूख खान की फिल्म डंकी 100 करोड़ के क्लब में शामिल हिमाचल में वर्षा, बर्फबारी होने से बढ़ी सर्दी Uttarakhand Job : UKSSSC ने निकाली 229 पदों पर भर्ती