Campus News: उज्जवल भविष्य बनाने में लाइब्रेरी का योगदान अहम्, बशर्ते तरीके से लाभ लें
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के एसएसजे परिसर अल्मोड़ा में चल रहे ‘लाइब्रेरी ओरिएंटेशन प्रोग्राम‘ के तहत स्नातकोत्तर व कला वर्ग के विद्यार्थियों को पुस्तकालय का महत्व समझाया। यह समझाने का प्रयास हुआ कि लाइब्रेरी में उपलब्ध तमाम पुस्तकों के सहारे प्रतियोगी परीक्षाओं की ठोस तैयारी की जा सकती है। साथ ही पुस्तकालय में मौजूद सुविधाओं से छात्रों को रूबरू कराया।

प्रोग्राम के तहत उप-पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. बिभाष कुमार मिश्रा ने कला स्नातकोत्तर वर्ग हिंदी, भूगोल, इतिहास, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, कुमाउनी भाषा, अंग्रेजी, समाजशास्त्र, संस्कृत, अर्थशास्त्र, संगीत, पत्रकारिता एवं जनसंचार और योग विषय के विद्यार्थियों को पुस्तकालय की सुविधाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय में पहले मैन्युअल प्रक्रिया थी, अब ऑनलाइन प्रक्रियाएं संचालित है, जिसके सहारे हम कार्यों को आसानी से कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पुस्तकालय में स्थापित ओपेक टर्मिनल के माध्यम से पुस्तकालय की पुस्तकों की पूरी जानकारी पाई जा सकती है। पुस्तकालय में पाठ्य सामग्री, संदर्भ ग्रंथ, जर्नल्स, अखबार, प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकों को पढ़कर पुस्तकालय का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने वेब ओपेक, निसकैर, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया, वर्चुअल लैब, ई ज्ञान कोष, डीओएजे, ई ग्रंथालय, एनपीटीईएल, विश्वविद्यालय की वेबसाइट में दी जा रही सुविधाओं आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
ओरिएंटेशन कार्यक्रम में विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी डॉ. ललित चन्द्र जोशी ने भी विचार रखे। इस मौके पर केएन पाठक, शेर सिंह बघरी समेत कला व स्नातकोत्तर के मनोविज्ञान, अंग्रेजी, समाजशास्त्र, भूगोल विषयों के छात्र-छात्राएँ शामिल रहे।