Surajkund Mela 2023 : मेले में अपने क्षेत्र के उत्पादों के स्टॉल लगाने आई नागालैंड की महिलाओं ने कुछ ऐसे चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जो हमें बहुत कुछ सोचने पर विवश कर देते हैं। उन्होंने स्थानयी लोगों पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगाये हैं। महिलाओं का कहना है कि चूंकि वह भारत के सदूरवर्ती राज्य से हैं अतएव उनके अजीब तरह के सवाल किए जा रहे हैं। मेले में लोग उनके प्रोडेक्ट्स के बारे में पूछताछ की बजाए यह पूछ रहे हैं कि ”क्या वह कुत्ता खाती है, सांप खाती है, तुम्हारे वहां दाल-रोटी मिलती है क्या”।
दरअसल, हम यहां हरियाणा के फरीबाद में चल रहे सुप्रसिद्ध पुष्कर मेले की बात कर रहे हैं। ज्ञात रहे कि हिंदुस्तान अपनी विविधताओं के लिए पहचाना जाता है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमारी सभ्यता व संस्कृतियों का अलग-अलग स्वरूप एक गुलदस्ते की तरह है। किंतु दुर्भाग्य से आज हमारे ही देश के कुछ लोगों का व्यवहार अपने ही देश के नागरिकों के लिए बेहद शर्मनाक है।
बताना चाहेंगे कि सूरजकुंड का मेला हर साल फरीदाबाद, हरियाणा में 01 फरवरी से 15 फरवरी तक लगता है। यह मेला भारत का एक रंगीन पांरपरिक शिल्प त्योहार है। जिसका आयोजन सूरजकुंड परिसर में हरियाणा सरकार द्वारा होता है। यह मेला पहली बार साल 1987 में लगा था। इसकी विशेषता यह है कि इसमें भारत के सभी राज्यों के हस्तशिल्प व कारीगरों द्वारा बनाये समान को एक स्थान पर देखा व खरीदा जा सकता है। यह मेला हमारी परंपरा, विरासत और संस्कृति का प्रतीक है। हस्तशिल्प से ही इस मेले की पहचान है।
मेले में स्टेट थीम के तौर पर नागालैंड की भागीदारी
यह मेला हर साल एक नये विषय पर आयोजित किया जाता है तथा इसी आधार पर ही मेले की साज-सज्जा की जाती है। इस साल वर्ष 2023 में 03 फरवरी से 36वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का आरम्भ हुआ है। जो कि 19 फरवरी तक जारी रहेगा। इस बार मेले की थीम नार्थ ईस्ट रीजन के 08 राज्य हैं।यहां इन दिनों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम के हस्तनिर्मित उत्पादों के स्टॉल देखने को मिल रहे हैं। सुबह 10.30 से रात 08 बजे तक इस मेले का आयोजन हो रहा है।
मेले में नागालैंड की महिलाओं ने लगाए भेदभाव के आरोप
मेले में नागालैंड से आई एक महिला हस्तशिल्पी ने एक चेनल (वॉयस ऑफ फरीदाबाद) के संवाददाता से बातचीत में जो आरोप लगाए वह चौंकाने वाले हैं। महिला का कहना है कि लोग उनके स्टॉल में आकर अजीब किस्म के सवाल कर रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि ”क्या वह नागालैंड से है। तुम्हारे वहां कुत्ता खाते हैं, सांप खाते हैं, दाल-रोटी मिलती है क्या नागालैंड में।” महिला ने कहा कि इस तरह के सवालों से वह बहुत आहत हैं। मेले में यदि कोई उनके राज्य की संस्कृति के बारे में पूछे या फिर उनके हस्तशिल्प उत्पाद के बारे में तो वह बतायेंगी, लेकिन जो सवाल उनसे पूछे जा रहे हैं, उसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी। महिला का कहना है कि वह भारत की नागरिक हैं और नागालैंड भारत में ही आता है। इसके बावजूद उनसे लोग ऐसे मिल रहे हैं, जैसे वह किसी दूसरे देश या ग्रह से आई हुई हैं। उन्होंने कहा कि यदि वह दूरस्त राज्य से आए हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह किसी अविकसित राज्य या जंगल से आई हुई हैं।
निश्चित रूप से मेले में नार्थ ईस्ट से आए लोगों से इस तरह के व्यवहार की जितनी निंदा की जाये कम है। दूरस्त राज्यों से लोग अपनी सभ्यता, संस्कृति व हस्तशिल्प का प्रदर्शन करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में लगने वाले मेलों में आते हैं। कुछ लोगों की हरकतों के चलते वहां के सभी लोगों के व्यवहार पर अंगुली उठने लग जाती है। (नोट : उक्त समाचार विभिन्न मीडिया रिपोर्टस पर आधारित है।)
Click To Watch Video : देखिए मीडिया चेनल के संवाददाता से महिला की बातचीत के अंश