सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
पुलिस स्मृति दिवस पर जनपद में कर्तव्य पालन के लिए प्राणों की आहुति देने वाले पुलिस महकमे के सभी शहीदों का भावपूर्ण स्मरण किया गया और श्रद्धांजलि देते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। अल्मोड़ा पुलिस लाइन में एसएसपी पीएन मीणा ने शहीद जाबांजों को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया। जिले के सभी थानों में भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।
पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिस लाईन अल्मोड़ा में स्थित शहीद स्मारक पर जाकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने देश के शहीद पुलिस एवं अर्द्ध सैनिक बलों के अधिकारियों व जाबांज जवानों को श्रद्धाजंली दी। वहीं दिवंगत आत्माओं की शान्ति के लिये दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्वासुमन अर्पित किये। इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि इस वर्ष देश में 265 पुलिस कर्मी शहीद हुए। इनमें उत्तराखण्ड के 6 जवान शामिल हैं। उन्होंने जनपद अल्मोड़ा में वर्ष 2005, 2013, 2014 एवं 2019 में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए जान की बाजी लगाकर वीरगति को प्राप्त हुए आरक्षी गिरीश चन्द्र, आरक्षी संजय कुमार, आरक्षी महेश सिंह, आरक्षी अजय खाती, हेड कांस्टेबिल नारायण सिंह तोमक्याल, एसआई हितेश चौंसाली को याद किया गया। इस मौके पर पुलिस क्षेत्राधिकारी वीर सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी दूरसंचार राजीव कुमार, प्रतिसार निरीक्षक अशोक कुमार, एलआइयू निरीक्षक कमल पाठक, डीसीआरबी निरीक्षक भूपेन्द्र बृजवाल, एसओजी प्रभारी नीरज भाकुनी, एसआई गणेश सिंह हरड़िया तथा पुलिस अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। जिले के सभी थानों में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए।
अल्मोड़ा थाने में शहीदों के परिजन सम्मानित: कोतवाली अल्मोड़ा में भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। प्रभारी निरीक्षक हरेंद्र चौधरी ने शहीद आरक्षी कैलाश आर्या के भाई भुवन चन्द्र, एसआई बिशन राम की पुत्री
प्रियंका, महिला कांस्टेबिल वीरबाला सारकी की माता माया देवी, एसआई माया बिष्ट के पिता आनन्द सिंह, आरक्षी नन्दन सिंह के पिता बिशन सिंह को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। उन्होंने पुलिस कर्मियों को ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा से अपने दायित्वों का निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया।
सोमेश्वर: थाना सोमेश्वर में थानाध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट ने पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ कर्तव्य पालन करते हुए वीरगति को प्राप्त शहीदों को श्रद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन रखा।