शहनाज हुसैन
शरद ऋतु शादियों का पसंदीदी मौसम माना जाता है। इस मौसम में शादियों की भरमार रहती है। जहाँ मौसम के तापमान के हिसाब से यह सीजन वर—वधू तथा रिश्तेदारों के लिए शकून भरा माना जाता है। वहीं शादी से जुड़े प्रबन्धन के लिए भी इस मौसम को अनुकूल माना जाता है। लेकिन इस मौसम में तापमान में कमी, वायु प्रदूषण,धुंध,कोहरे वायु में शुष्कता आदि की वजह से दूल्हे तथा दुल्हन को सजाने तथा सवांरने में अनेक दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है, तथा जल्दी ही सौंदर्य में बिखराव आना शुरू हो जाता है। शादी के दिन जबकि दुल्हन सबसे सुंदर दिखना चाहती हैं। लेकिन मौसम की मार से उन्हें अनेक दिक्क्तों का सामना करना पड़ता हैै।
हालांकि मौसम की मार से झूझने का कोई शॉर्टकट कतई नहीं है लेकिन फिर भी शादी से कुछ हफ्ते पहले अगर आयुर्वेदिक सौंदर्य प्रसाधनों का सहारा लिया जाये तो सौंदर्य से जुड़ी सभी समस्यायों से आसानी से निपटा जा सकता है तथा दुल्हन को इस खास दिन के लिए सबसे आकर्षक, रोमांटिक तथा सुन्दर संवारा जा सकता है।
शादी के दिन दुल्हन का सुन्दर दिखना महज मेकअप या ड्रेस में ही जुड़ा नहीं होता बल्कि इसमें काफी हफ्तो की कड़ी मेहनत शामिल होती है। यदि शादी से कुछ हफ्ता पहले त्वचा के प्रति सावधानी बरती जाए तो यह शादी के दिन काफी मददगार साबित हो सकती है, सर्दियों में तैलीय त्वचा भी शुष्क पड़ जाती है जबकि शुष्क त्वचा को क्रीम तथा तेल की मदद से माइस्चराइज तथा पोषक बनाना पड़ता है।
अपनी रोजाना फेशियल केयर रूटीन के अन्तर्गत अपनी त्वचा को दिन में दो बार साफ करें। रात्रि में सोने से पहले चेहरे पर जमी मैल को साफ करना अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है। रात्रि को सोने से पहले प्रतिदिन त्वचा को साफ कीजिए तथा काफी साफ पानी से धोईए। इसके लिए आप गुनगुना पानी उपयोग में ला सकती है। सामान्य तथा शुष्क दोनों प्रकार की त्वचा के लिए क्लीजिंग क्रीम या जैल का प्रयोग कीजिए। वैकल्पिक रूप में आप आधे कप ठण्डे पानी में तिल, सूरजमुखी तथा जैतून के वनस्पति तेल की पांच बूंदे मिलाकर इसे बोतल में डालकर भली भांति मिला लीजिए। अब काटनवूल की मदद से इस मिश्रण से त्वचा को साफ कीजिए। बाकी बचे मिश्रण को फ्रीज में रख लीजिए। यदि आपकी त्वचा तैलीय है तो क्लीनजींग लोशन या फेश वाश का प्रयोग कीजिए। तैलीय त्वचा के गहरे छिद्रों को साफ करने की जरूरत होती है। चावल के पाउडर को दही से मिलाकर हफ्ते में एक या दो बार लगाईए तथा त्वचा के दोनों ओर हल्के से रब करके पानी से धो डािलए। सर्दियों में तैलीय त्वचा में माथे पर काले धब्बे पड़ सकते है।
सर्दियों में तैलीय त्वचा भी शुष्क हो जाती है लेकिन जब इसमें क्रीम लगाई जाती है तो इससे चेहरे पर मुंहासे आ जाते है। इस समस्या के निदान के लिए एक चम्मच शुद्ध गलिसटीन केा 100 मिली लीटर गुलाब जल में मिला कर बोतल को फ्रीज में रख दीजिए। इस लोशन को रोजाना त्वचा के रूखेपन को दूर करने के लिए उपयोग कीजिए।
सभी प्रकार की त्वचा में नमी तथा मुलायम लाने के लिए शहद तथा अलोवेरा जैल का प्रयोग किया जा सकता है। इसे चेहरे पर लगाने के 20 मिनट बाद चेहरे को स्चछ ताजें पानी से धो डालिए। सभी प्रकार की त्वचा के मामले में प्रतिदिन त्वचा को काटनवूल पैड से ठण्डे गुलाब जल से टोन कीजिए। त्वचा को साफ करके सललाइए तथा इसके बाद तेजी से गुलाब जल से संचित काटनवूल पैड से पोैछिए। इसे त्वचा की आभा निखरेगी।
सामान्य से शुष्क त्वचा को रोेजाना रात्रि को नारिशिंग क्रीम से पोषण किया जा सकता है। त्वचा को साफ करने के बाद क्रीम को पूरे चेहरे पर हल्की-हल्की मालिश करते हुए लगाकर 2 मिनट बाद गीली काटनवूल से हटा लीजिए। चेहरे के लिए, मास्क का घर में मिश्रण बनाकर इसे हफ्ते में दो तीन बार लगाऐं। सामान्य से शुष्क तवचा के लिए दो चम्मच चोकर में एक चम्मच बादाम, दही शुद्ध तथा गुलाब जल मिलाईए।
तैलीय तथा मिश्रित त्वचा के लिए तीन चम्मच जई में दही, शहद तथा गुलाब जल मिलाएंे। इस सब का पेस्ट बना होठों तथा अंाखों को धोकर बाकी चेहरे पर लगा ले तथा 20 मिनट बाद साफ पानी से धो डालिए। चेहरे पर फेस मास्क लगाने के बाद, दो काटनवूल पैड को गुलाब जल में भिगों दीजिए तथा इन्हें आई पैड की तरह प्रयोग कीजिए। इन्हें आंखों पर रख कर लेटकर कर आराम करें। इससे शरीर को काफी ताजगी तथा आराम मिलता है। गुलाब जल का काफी आरामदायक तथा शान्तिवर्धक प्रभाव पड़ता है। जिससे थकान दूर होती है तथा आंखों में चमक आ जाती है।
आंखों के इर्द-गिर्द की त्वचा काफी पतली तथा संवेदनशील होती है। इस भाग में झुर्रियां काफी आसानी से आ जाती हैं। आंखों के इर्द गिर्द क्रीम लगाकर 15 मिनट बाद गीले काटनवूल से धो डालिए। प्रतिदिन बादम तेल के प्रयोग करने तथा इसकी हल्के-2 मालिश करने से आंखों के इर्द-गिर्द त्वचा को निखारने में काफी मदद मिलती है। होठों की त्वचा भी काफी पतली होती है तथ इसमें तैलीय ग्रन्थियों की कमी होेती है। सर्दियों में होठ आसानी से शुष्क तथा फट जाते है। होठों पर प्रतिदिन धोने के बाद बादाम तेल या बादाम क्रीम लगाकर पूरी रात लगी रहने दीजिए।
दिन में त्वचा में नमी की कमी न होन दें। घर से निकलने से पहले सनस्क्रीन का चेहरे पर प्रयोग करें। ज्यादातर सनस्क्रीन क्रीमों में माईस्चराईज विद्यमान होते है। माइस्चराईजर क्रीम तथा द्रव्य रूप में उपलब्ध होतेे है। अगर आपकी त्वचा में अत्याधिक शुष्कता है तो क्रीम का उपयोग कीजिए।
सर्दियों में शरीर की त्वचा का तैलीय पौषाहार करना चाहिए। पुराने समय में त्वचा की देखभाल के लिए उबटन बनाया जाता था। सबसे पहले शरीर की तिल के तेल से मालिश की जाती है तथा उसके बाद घर में बनाया गया उबटन लगाया जाता है। यह उबटन मुख्यतः चोकर, बेसन, दही, मलाई तथा हल्दी का मिश्रण होता है। इस सबका मिश्रण करके इसे नहाने से पहले शरीर पर लगाया जाता है तथा आधा घंटा बाद उबटन को रगड़कर हटाकर स्नान किया जाता है। इससे नहाने के दौरान त्वचा की मृत कोशिकाओं का साफ करने में मदद मिलती है जिससे त्वचा चमकीली चिकनी, मुलायम होकर निखर जाती है।
चमकीली त्वचा के लिए सभी संघटकों को पोटली में डालकर पोटली को गीला कर शरीर के सभी अंगों पर रगड़ने तथा उसके बाद स्नान कर लें।
पाऊडर, दूध, बादाम, चावल पाऊडर तथा गुुलाब की पंखुडियों का मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण को त्वचा पर लगाने से त्वचा साफ, मुलायम हो जाती है तथा इसमें प्राकृतिक आभा आ जाती है। इससे शरीर रेशम की तरह मुलायम हो जाता है तथा शरीर में ताजगी तथा प्राकृतिक सुगन्ध आती है।
शादी से पहले सभी दुल्हनें किसी न किसी प्रकार के तनाव के दौर से गुजरती है जिसका प्रतिदिन उनके चेहरे पर झलकता है। इस प्रकार के मानसिक तनाव की मुक्ति के लिए आराम काफी मददगार साबित होता है। शारीरिक व्यायाम से मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलती है।
शादी से कुछ माह पहले नियमित रूप से व्यायाम कीजिए तथा सुबह सैर के लिए निकलिए। वास्तव में सुबह की सैर शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक साबित होती है। शरीर तथा मन की शांति के लिए लम्बी सांसें तथा ध्यान काफी लाभदायक साबित होते है।
लेखिका जानीमानी सौंदर्य विशेषज्ञ हैं