Almora News: लोक प्रसारण की प्रासंगिकता आज भी—प्रतुल जोशी

—’भारत में लोक प्रसारण:चुनौतियाँ एवं भविष्य’ विषयक संगोष्ठीसीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाआजादी के अमृत महोत्सव के तहत सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा परिसर के इतिहास, संस्कृति…

—’भारत में लोक प्रसारण:चुनौतियाँ एवं भविष्य’ विषयक संगोष्ठी
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा परिसर के इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग में ‘भारत में लोक प्रसारण: चुनौतियाँ एवं भविष्य’ विषयक संगोष्ठी हुई।

मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे आकाशवाणी केंद्र अल्मोड़ा के निदेशक प्रतुल जोशी ने कहा कि भारत एक बहु सांस्कृतिक देश है, जिसमें लोक प्रसारण की अहम भूमिका है। वर्तमान समय में लोक प्रसारण के सम्मुख वैश्विक एवं निजीकरण जैसे कारकों से अनेक समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। लोक प्रसारण की प्रासंगिकता के कारण ही लोग आज तकनीकी युग में भी रेडियो से जुड़े हैं। इससे पहले कार्यक्रम में पहुंचने पर इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल जोशी एवं वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. विद्याधर सिंह नेगी ने मुख्य वक्ता प्रतुल जोशी को पुष्पगुच्छ और प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अधिष्ठाता प्रशासन प्रो. प्रवीण बिष्ट ने कहा कि ऐसे व्याख्यानों से न केवल विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों का ज्ञानवर्द्धन होता है, बल्कि उनमें कुछ नया करने का उत्साह भी जगता है। कार्यक्रम का संचालन विभाग के डॉ. चंद्र प्रकाश फुलोरिया ने किया । इस मौके पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. इला साह, शोध एवं प्रसार निदेशालय के निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट, प्रो. निर्मला पंत, प्रो. एएस अधिकारी, डॉ. तेजपाल सिंह, डॉ. नंदन बिष्ट, डॉ. मनोज बिष्ट, डॉ. गोकुल देउपा, प्रेमा खाती, डॉ. लक्ष्मी वर्मा, रवि कुमार, जीवन भट्ट, चंदन जीना, पूजा बिष्ट, माला एवं विभाग एवं परिसर के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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