सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
बागेश्वर में साइबर क्राइम का एक मामला प्रकाश में आया। जिसमें खाताधारक युवक के खाते पर कब्जा कर 40.25 लाख रुपये अड़ा लिये। यह राशि युवक ने ड्रीम इलेवन में जीती थी। बागेश्वर पुलिस की साइबर सेल ने कारगर कार्यवाही कर यह बड़ी रकम ड्रीम इलेवन विजेता को वापस दिलाने में सफलता प्राप्त कर ली है। इधर पुलिस ने कर्फ्यू के चलते एक बीमार महिला की मदद कर मित्र पुलिस का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
मामले के मुताबिक विगत 11 अप्रैल को मगरु प्रहरी गांव के हिमांशु कुमार पुत्र मोहन राम ने ड्रीम इलेवन में 40 लाख 25 हजार रुपये की धनराशि जीती थी, यह राशि 14 अप्रैल को उसके खाते में आई थी, लेकिन किसी ने उसकी व्यक्तिगत जानकारी लेकर खाते पर कब्जा कर लिया। इस पर उसने 15 अप्रैल को उसने पुलिस में तहरीर दी। प्रकरण की गंभीरता के देखते हुए एसपी अमित श्रीवास्तव ने साइबर सेल को कार्रवाई के लिए निर्देश दिए। सीओ शिवराज सिंह राणा के नेतृत्व में साइबर सेल ने तकनीकी जानकारी हासिल की और बैंक और ड्रीम इलेवन के नोडल अधिकारी से पत्राचार कर मामला सुलझाने में सफलता पा ली। फलस्वरूप हिमांशु के खाते से अज्ञात का कब्जा हट गया और धनराशि वापस मिल सकी। मामला सुलझाने वालों में साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र सिंह रावत, आरक्षी चंदन कोहली रहे। हिमांशु ने साइबर सेल का आभार जताया है।
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जब पुलिस बनी बीमार की मददगारः कोविड कर्फ्यू के चलते मंगलवार की दोपहर कांडा थाना क्षेत्रांतर्गत वजीना गांव निवासी मीना कांडपाल ने पुलिस को फोन कर बताया कि उसकी माता चंपा कांडपाल बीमार है। कर्फ्यू के चलते उन्हें अस्पताल तक जाने के लिए वाहन नहीं मिल रहा है। काफी देर से सड़क किनारे खड़े हैं। माता की तबियत बिगड़ती जा रही है। माता को बीपी, छाती में दर्द, सांस लेने मे दिक्कत और घबराहट हो रही है। मामले की गंभीरता को समझते हुए कांडा थानाध्यक्ष महेंद्र प्रसाद दोनों मां-बेटी को पुलिस के वाहन से सीएचसी कांडा पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने बीमार का उपचार कर दवाईयां दी। पुलिस के यह मानवीय दृष्टिकोण प्रेरणादायी है। पीड़ित महिला ने पुलिस का आभार जताया।
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