बागेश्वर। बीस सूत्रीय कार्यक्रम समिति के उपाध्यक्ष शेर सिंह गड़िया ने कहा है कि उनके लिए पद कोई मायने नहीं रखता है। वे सिर्फ आम कार्यकर्ता बनकर जनता की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि बीस सूत्रीय कार्यक्रम में बागेश्वर को ए कैटेगरी में लाना उनका लक्ष्य है। यहां एक पत्रकारवार्ता में उन्होंने कहा कि बीस सूत्रीय कार्यक्रमों के तहत प्रदेश में लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा बीस सूत्रीय कार्यक्रमों का दायरा शहरी इलाकों में भी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम विकास, मनरेगा, पीएमजीएसवाई पर फोकस पर फोकस किया जाएगा। इसके अतिरिक्त टीकाकरण, अनुसूचित, जनजाति की योजना को गति प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोशिश की जाएगी कि योजनाएं धरातल पर उतरें और वास्तविक लोगों को उनका लाभ मिल सके। पत्रकारवार्ता में मनोज, गोविंद सिंह दानू,मनोज तिवारी, सुरेश कांडपाल,बसंती देव आदि उपस्थित थे।
क्या है बीस सूत्री कार्यक्रम
बीस सूत्रीय कार्यक्रम की घोषणा वर्ष 1975 में की गयी थी । तत्पश्चात् वर्ष 1982, 1986 तथा 2006 में इस कार्यक्रम की पुर्नसंरचना की जा चुकी है। वर्तमान में बीस सूत्रीय कार्यक्रम 2006 लागू है। इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य पिछड़े एवं निर्धन व्यक्तियों के जीवन स्तर में सुधार करना है। इन कार्यक्रमों में गरीबी हटाओ, जनशक्ति, किसान मित्र, श्रमिक कल्याण, खाद्य सुरक्षा, सबके लिए आवास, शुद्ध पेयजल, जन-जन का स्वास्थ्य, सबके लिए शिक्षा, अनुसूचित जाति,जनजाति अल्पसंख्यक एवं अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण, महिला कल्याण, बाल कल्याण, युवा विकास, बस्ती सुधार, पर्यावरण संरक्षण एवं वन वृद्धी सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़क, ग्रामीण ऊर्जा, पिछड़ा क्षेत्रविकास, ई-शासन बिन्दु सम्मिलित है। भारत सरकार सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय को उक्त कार्यो की मासिक रिपोर्ट का प्रेषण किया जाता है।