रायल्टी के नियमों में पिस रहे लोनिवि निर्माणाचार्य, मशीनें रोक देने की चेतावनी

➡️ लोनिवि रानीखेत में राजकीय निर्माणाचार्यों की बैठक ➡️ रायल्टी की वसूली के नियमों पर रोष ➡️ 07 जुलाई को डीएम को सौंपेंगे ज्ञापन सीएनई…

➡️ लोनिवि रानीखेत में राजकीय निर्माणाचार्यों की बैठक

➡️ रायल्टी की वसूली के नियमों पर रोष

➡️ 07 जुलाई को डीएम को सौंपेंगे ज्ञापन

सीएनई रिपोर्टर, रानीखेत

State contractors of Public Works Department warned of agitation

राजकीय निर्माणाचार्य रायल्टी के नियमों में पिसते चले जा रहे हैं। शासनादेश के तहत उनसे अनुबंधों से 05 गुना अधिक रायल्टी वसूली जानी है, जो उन्हें स्वीकार्य नहीं है। निर्माणाचार्यों ने साफ कर दिया है कि यदि शासन ने उनकी बात नहीं मानी तो वह आपदा में लगी मशीनों सहित समस्त निर्माण कार्य रोक देंगे।

लोक निर्माण विभाग, रानीखेत में मंगलवार को समस्त राजकीय निर्माणाचार्यों की हुई बैठक में शासन द्वारा रायल्टी के संबंध में निर्धारित की गई दरों को लेकर चर्चा की गयी। शासनादेश का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि निर्माणाचार्यों से रायल्टी की वसूली के संबंध में अनुबन्धों से पांच गुना रायल्टी वसूली की जानी है, जो कि बिलकुल भी व्यवहारिक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्माणाचार्यों का मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न किया जा रहा है।

वक्ताओं ने कहा कि कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पंजीकृत राजकीय निर्माणाचार्य, जो कि देश की विभिन्न प्रकार के टैक्सों द्वारा व कार्यों द्वारा अपने देश की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने का कार्य करता हैं को बिलकुल समाप्त कर देने की साजिश चल रही है। कार्य करने वालों का उत्पीड़न कर उन्हें बेरोजगार कर दिये जाने का यह प्रयास है। जिससे प्रदेश के छोटे व मझोले निर्माणाचार्यों में बेरोजगारी और अधिक बढ़ेगी एवं इस कार्य में जुड़े सभी निर्माणाचार्यों के परिवारों की मानसिक एवं दैनिक स्थिति खराब हो जायेगी।

तय हुआ कि इस संबंध में इस मसले को लेकर जिलाधिकारी अल्मोड़ा को 07 जुलाई 2022 को प्रातः 11 बजे ज्ञापन दिया जायेगा। इसके बाद भी यदि कार्यवाही नहीं हुई तो समस्त निर्माणाचार्यों द्वारा आपदा में लगी अपनी मशीनों को रोकते हुए किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं किया जायेगा। उन्होंने समस्त सरकारी निर्माणाचार्यों से निवेदन किया कि तय तिथि में जिलाधिकारी कार्यालय में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें, ताकि समस्याओं का समाधान हो सके।

बैठक में प्रताप सिंह बिष्ट, राजेन्द्र कुमार जोशी, चन्द्रशेखर पाण्डे, रणजीत सिंह, निर्मल मठपाल, कैलाश अधिकारी, पंकज कुमार, खीम सिंह, नन्द राम, संजय सिंह बोरा, दीप सिंह मेहरा, देवेन्द्र सिंह बिष्ट, प्रकाश नेगी कुलदीप फर्त्याल, हरगोविन्द सिंह, संजय सिंह बिष्ट, धमेन्द्र अधिकारी, विनय तिवारी, मनोज कुमार, भगत सिंह मेहरा, पूरन सिंह मेहरा, विक्रम सिंह नेगी, राजेन्द्र साह, रोहित बिष्ट, हीरा सिंह फर्त्याल, हरीश सिंह फर्त्याल, भूपाल सिंह रावत, नरेन्द्र सिंह मेहरा, सुरेन्द्र सिंह जुयाल आदि मौजूद रहे।

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