चन्दन नेगी, अल्मोड़ा
‘सेवा’ शब्द भले ही छोटा सा हो, मगर उसका तात्पर्य और सुकून स्वयं में विशाल होता है। सेवा ऐसी चीज है, जो जरूरतमंद को तो बड़ी राहत देती है, तो साथ ही सेवादार को भी असीम सुख की अनुभूति प्रदान करती है। ऐसे चुनिंदा लोग ही होते हैं, जो अपने कार्य व पारिवारिक दायित्वों की प्रतिपूर्ति में व्यस्तता के बावजूद जरूरतमंदों की सेवा के लिए कुछ वक्त अवश्य निकाल लेते हैं। आखिर निकालें क्यों नहीं, उनके अंदर सेवा/मदद करने का जुनून जो है।
ऐसा ही उदाहरण अल्मोड़ा जिले में तैनात एक थानाध्यक्ष ने प्रस्तुत किया है, जिन्होंने इस कोरोनाकाल के संकट में 22 जरूरतमंद बुजुर्गों को गोद लेकर उनके राशन, अन्य सामग्री व दवा इत्यादि की जिम्मेदारी अपने सिर उठा ली है। जिसमें उनके थाने की पूरी टीम सहयोग कर रही है। यह सेवा कर वह पुण्य तो कमा ही रहे हैं, साथ ही ‘खाकी में इंसान’ की बात को भी साबित कर रहे हैं।
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दरअसल, उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार की पहल ‘मिशन हौसला’ के तहत अल्मोड़ा जिले में एसएसपी पंकज भट्ट के निर्देशन में पुलिस द्वारा अपनी ड्यूटी के अतिरिक्त सेवा व मदद करने के कई उदाहरण सामने आ चुके हैं। कोरोना से उत्पन्न इस संकट काल में पुलिस ने कई प्रेरणा से भरे कार्य करके मानवता व मित्र पुलिस का सबूत दिया है। एसएसपी की प्रेरणा से जिले के भतरोंजखान थाने में तैनात थानाध्यक्ष अनीष अहमद ने कुछ बड़े मानवीय व सराहनीय कार्य का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
भतरौजखान थानाध्यक्ष अनीष अहमद पाया कि कोरोनाकाल में कई परिवार संकट में हैं, जिन्हें संकट की इस घड़ी में मदद की दरकार है। तो उन्होंने अपने थाना क्षेत्रान्तर्गत टोटाम, दनपौ, डबरासौराल, देवरापानी, पनवाद्यौखन, भिकियासैंण आदि गांवों से ऐसे बुजुर्गों को चिह्नित किया, जिनका कमाने वाला कोई नहीं है या फिर वे अकेले रहकर जीवन यापन कर रहे हैं। शांति व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, घटना—दुर्घटना संबंधी कार्य, कोरोनाकाल में जागरूकता व नियम पालन कराने जैसे अनेकानेक कार्यों में व्यस्तता के बावजूद उन्होंने ऐसे 22 बुजुर्गों को गोद लेते हुए संकटकाल में उनके राशन—पानी, दवा व अन्य जरूरी सामग्री की व्यवस्था करने की पूरी जिम्मेदारी ले ली।
अब समय—समय पर खुद जाकर या टीम के सदस्य भेजकर वह यह व्यवस्था कर रहे हैं। घर पर ही ख़ाद्य सामग्री पहुंचा रहे हैं। बकायदा थाने में उन्होंने इस मदद के लिए टीम बनाई है। इस टीम में रहकर उप निरीक्षक देवेंद्र सामंत, उप निरीक्षक हेमा कार्की, कांस्टेबल भूपेंद्र बिष्ट, नवीन पांडे, सतपाल सिंह, जीवन फुलारा, हेम भट्ट आदि पूरा सहयोग कर रहे हैं।
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इनदिनों समय—समय पर टीम के सदस्य गांव—गांव जाकर एकल बुजुर्गों के पास तक खाद्य सामग्री एवं अन्य आवश्यक सामग्री, सैनेटाइजर, मास्क आदि पहुंचा रहे हैं। साथ ही उन्हें बुजुर्गों को जागरूक कर रहे हैं। जब भी पुलिस कर्मी खाद्य सामग्री लेकर पहुंच रहे हैं, तो अपनत्व की इस भावना को देख बुजुर्ग भावुक हो रहे हैं और खाकी के रुप में सामने आए अपने बच्चों को सदा सुखी व खुश रहने, अमर होने व कामयाब होने का आशीर्वाद दे रहे हैं। इतना ही नहीं यह देखने वाले सभी लोग पुलिस के सेवा के इस जज्बे को सलाम कर रहे हैं।