राजस्थान से एक चौंकाने वाली ख़बर आई है। यहां 18 से कम आयुवर्ग के 600 से अधिक बच्चे सिर्फ 21 दिन में कोरोना से संक्रमित पाये गये हैं। हालांकि सरकारी अमले के कुछ जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में बताने से बचने का प्रयास करते दिख रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो यह कोरोना की तीसरी लहर की आहट हो सकती है। इस विषय में अब पूरे देश में राज्य सरकारों को बच्चों के संक्रमित होने के आंकड़े जरूर जुटाने चाहिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान के दो जनपदों में काफी संख्या में बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं। अधिकांश मामलों में माता—पिता के बाद बच्चों में भी संक्रमण फैल रहा है। हालांकि राहत की बात यह है कि यहां अभी तक किसी भी बच्चे की कोरोना की वजह से जान नही गई है। अतएव यह भी माना जा रहा है कि यदि कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे भी रही है तो यह तय है कि यह वाला वायरस शायद बच्चों के लिए इतना घातक नही हो। बावजूद इसके, बहुत सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि कोरोना का वेरिएंट कब क्या रूप धरे यह किसी को पता नही है।
बताया जा रहा है कि दौसा और डुंगरपुर जिले में बच्चों के संक्रमित होने की सर्वाधिक संख्या है।
अकेले दौसा में 1 मई से 21 मई के बीच 18 साल से कम के 341 बच्चो कोविड पॉजिटिव हुए हैं वहीं डूंगरपुर में भी बच्चों में यह संक्रमण फैल रहा है। यहां 12 मई से लेकर 22 मई तक 18 साल से कम के 255 बच्चे संक्रमित हुए हैं।
हालांकि डूंगरपुर के कलेक्टर सुरेश कुमार ओला का कहना है कि जिले में बच्चों में कोरोना का संक्रमण बिल्कुल सामान्य है, बच्चों के माता पिता कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं इसलिए बच्चे भी कोरोना संक्रमित हुए हैं, हालांकि उनकी संख्या कम है। वहीं डूंगरपुर के सीएमओ राजेश शर्मा बताते हैं कि पिछले 10 दिन में ढाई सौ से ज्यादा बच्चे कोरोना संक्रमित हुए हैं। अच्छी बात सिर्फ इतनी है कि कोविड के चलते किसी बच्चे की मौत की खबर नहीं है।
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अलबत्ता इसे कोरोना की तीसरी लहर माना जाये या नही, यह तो चिकित्सा विज्ञानी ही बता सकते हैं, लेकिन अब देश में हालात ठीक वैसे ही दिखाई देने लगे हैं, जैसी पूर्व चेतावनी जारी हुई थी। जिसमें साफ तौर पर कहा गया था कि तीसरी लहर में बच्चे अधिक संख्या में संक्रमित हो सकते हैं।