अल्मोड़ा: काश्तकारों का पसंदीदा बना स्याही हल, मांग बढ़ी

— जिले में अनुदान पर 4 हजार से अधिक हल बांट चुका कृषि विभाग सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जिले में वीएल स्याही हलों की मांग बढ़ने…

— जिले में अनुदान पर 4 हजार से अधिक हल बांट चुका कृषि विभाग

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जिले में वीएल स्याही हलों की मांग बढ़ने लगी है। इसके लिए कृषि विभाग प्रयासरत है और विभाग द्वारा जिला योजना के तहत 80 फीसदी अनुदान पर यह हल प्रदान किए जा रहे हैं। अब तक विभाग योजना के तहत 04 हजार से अधिक हलों का वितरण किसानों को कर चुका है।

मुख्य कृषि अधिकारी डी. कुमार ने बताया कि कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से जिला योजना अन्तर्गत 80 प्रतिशत अनुदान पर स्याही हलों का वितरण किया गया, ताकि स्याही हल का अधिकाधिक प्रचलन में आ सकें। विभाग ने अब तक लगभग 4300 स्याही हलों का वितरण किया है। उन्होंने बताया कि एक हल का मूल्य 1715 रुपए है। लाभार्थी को 343 रुपए लगाने होते हैं तथा 1372 रुपए अनुदान में मिलते हैं। लौह निर्मित हल स्याही देवी विकास समिति एवं विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा के सहयोग से वीएल स्याही लौह हल नाम से विकसित किया गया है।

उन्होंने बताया कि योजना का उद्देश्य ग्रामीणों की कृषि उपकरणों/हल के लिए स्थानीय जंगलों पर निर्भरता को कम करना है। उन्होंने बताया कि वीएल स्याही हल की निरन्तर बढ़ती मांग को देखते हुए जनपद अन्तर्गत स्थानीय स्तर पर ही हलों का निर्माण स्याही देवी विकास समिति शीतलाखेत के माध्यम से कराया जा रहा है। उन्होंने माना है कि इन हलों के प्रचलन से एक ओर कृषकों की कार्य क्षमता बढ़ी है और किसानों के समय की बचत हो रही है, वहीं दूसरी ओर जंगलों में बांज, उतीस आदि चौड़ी पत्तियों वाले वृक्षों के कटान में कमी आई है। जिससे वन व जल संरक्षण में मदद मिल रही है।

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