ऐतिहासिक भीमताल नगर पंचायत को पालिका का दर्जा दिए जाने की दरकार

📎 1972 में हुआ था गठन, 05 साल पूर्व परिसीमन 📎 बृजवासी ने सीडीओ के माध्यम से सीएम को भेजा ज्ञापन सीएनई रिपोर्टर गरमपानी/भीमताल। वर्ष…

सीडीओ को ज्ञापन सौंपते बृजवासी

📎 1972 में हुआ था गठन, 05 साल पूर्व परिसीमन

📎 बृजवासी ने सीडीओ के माध्यम से सीएम को भेजा ज्ञापन

सीएनई रिपोर्टर गरमपानी/भीमताल। वर्ष 1972 में गठिन भीमताल नगर पंचायत को पालिका का लिखित में दर्जा दिए जाने की दरकार है। नगर के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी लंबे समय से इस मुद्दे को उठाते आये हैं। बावजूद इसके, उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई है। आज उन्होंने सीडीओ के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।

बृजवासी ने जिला विकास अधिकारी गोपाल गिरी गोस्वामी के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भिजवाया। जिसमें उन्होंने कहा कि भीमताल नगर पंचायत का गठन सन 1972 में हुआ था। 50 वर्ष पूर्व सरकार ने भीमताल नगर पंचायत का परिसीमन कर आस-पास के कई गांवों को नगर में मिला लिया। जिसके बाद वॉर्ड 7 से बढ़कर 9 हो गए, किंतु नए वार्डों के लिए बजट एवं कर्मचारियों की कमी के कारण इन वार्डो के विकास कार्यों के लिए योजना तक तैयार नहीं हो पा रही है।

नगर प्रशासन के लिए भी नए वार्डोंं की व्यवस्था संभालना मुश्किल हो रहा है। जिससे नवनिर्वाचित वार्डों की जनता काफी परेशान है। बृजवासी ने बताया कि नगर क्षेत्र की मुख्य परेशानी को देखते हुए उन्होंने पूर्व में भी पालिका का दर्जा लागू करने के लिए तमाम लोगों को पत्र भेजे थे। समय-समय पर उत्तराखंड शासन-प्रशासन, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, कैबिनेट मंत्रियों, शहरी विकास सचिव, सांसद, विधायक एवं जिला प्रशासन को कई पत्र लिखे जा चुके हैं। इसके बाजवूद मांग पूरी नहीं हो पाई है।

उन्होंने कहा कि नगर पंचायत की जनसंख्या पालिका के मानकों के मुताबिक सही है। जिसके आधार पर ही सरकार के द्वारा परिसीमन किया गया था, लेकिन पालिका का दर्जा लिखित तौर पर न दिए जाने से नये वॉर्ड शहरी विकास योजना से कोसों दूर है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से तत्काल नगर पंचायत भीमताल को लिखित रूप में पालिका का दर्जा दिए जाने कि मांग की।

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