किच्छा : जन जागरण अभियान में बोले उपाध्याय, कृषि बिल वापस लेने ही होगें सरकार को
किच्छा। निकटवर्ती ग्राम सभा नारायणपुर में किसान जन जागरण अभियान के अंतर्गत पूर्व दर्जा राज्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डॉ. गणेश उपाध्याय ने ग्राम निवासी किसान सुदीश प्रताप सिंह के आवास पर बैठक का आयोजन कर किसानों को जागरूक किया। किसान जन जागरण अभियान के दौरान पूर्व दर्जा राज्यमंत्री डॉ. गणेश उपाध्याय ने कहा कि मोदी सरकार ने तीन किसान विरोधी कानूनों को किसान हित में, देश हित में तुरंत वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी तक बंधुआ मजदूर के बारे में हमने सुना और देखा था, परंतु यह अध्यादेश के लागू होने के बाद किसान अपनी खेती होने के बाबजूद भी बंधुआ किसान बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को केवल चंद उद्योगपतियों की चिंता है, इस देश में 70 करोड़ से अधिक किसान व उनके परिवारों की अन्नदाताओं की चिंता नहीं है, 2014 चुनाव से पहले भाजपा ने किसानों की दुगनी आय करने के झूठे सपने दिखाए, आज तक डॉ. स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू नहीं की गयी, आज चंद उद्योगपतियों के लिए लूट खसोट व भंडारण करने की व्यवस्था बनाकर कुछ चंद उद्योगपति अपने काले धन को सफेद रुपयो में बदलने के लिए नई खोज करके देश के प्रधानमंत्री ने यह कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से सरकार अपने आप को बचा रही है।
बैठक में किसानों ने अपने विचार रखते हुए कहा कि एक पारले बिस्कुट का अधिकतम मूल्य 10 रुपए होता है जो उस अंकित मूल्य से एक रुपए भी कम में नहीं बिकता है, एक चिप्स पैकेट जिसका मूल्य 10 रुपए है, वह भी उसी मूल्य पर बिकता है, लेकिन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित होने के बावजूद किसान का धान व गेहूं उद्योगपतियों द्वारा औने-पौने दामों पर खरीदकर और भण्डारण कर किसानों की कमर तोड़ देगा। उन्होंने कहा कि बिचौलिए आज किसानों से 1300 व 1400 रुपए में फसल खरीद रहे है, और आज प्रति कुंतल 500 रूपए कमा रहे हैं।
मोदी ने केवल बड़े उद्योगपतियों के काले धन को सफेद करने के लिए व्यवस्था कर रखी है, जबकि खरीफ-खरीद फसल 2020-21 नीति बनी है, जिसमें स्पष्ट आदेश किए गए हैं कि किसानों का धान मंडी व सहकारी समिति जो जिले द्वारा निर्धारित की है, वही न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर्गत ई-खरीद पंजीकृत किसानों से क्रय किए गए धान के मूल्य का भुगतान कच्चा आढ़तियों द्वारा संबंधित कृषकों को 48 घंटे के अंदर आरटीजीएस और एनईएफटी के माध्यम से सुनिश्चित करने के लिए आदेशित किया है। इस मौके पर कृष्ण मोहन सिंह, अनिल सिंह, सुरेंद्र सिंह, रामचंद्र मिश्रा, कपिल देव यादव, हरिशंकर सिंह, दिनेश सिंह, अरुण मणि त्रिपाठी, त्रिभुवन सिंह, यशवंत सिंह, जगनारायण सिंह, मोहम्मद सरवर, संजय पाठक, जयराम सिंह, दिवस दुबे, निर्मल सिंह, महिपाल सिंह बोरा, ओमप्रकाश सहित दर्जनों किसान उपस्थित थे।