सरकार ने बताया – 2014 से अगस्त 2022 तक 46.25 करोड़ खुले जनधन खाते

नई दिल्ली। सरकार ने प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमलेडीवाई) के पात्र लाभार्थियों को सूक्ष्म बीमा योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा…

नई दिल्ली। सरकार ने प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमलेडीवाई) के पात्र लाभार्थियों को सूक्ष्म बीमा योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत कवर करने की घोषणा करते हुये आज कहा कि अब तक जनधन योजना के तहत 46.25 करोड़ खातें खुल चुके हैं और इन खातों में 1.74 लाख करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं।

PMJDY की 8वीं वर्षगांठ

PMJDY के आज आठ वर्ष पूर्ण होने के मौके पर सरकार ने कहा कि इसको लेकर बैंकों को पहले ही सूचित किया जा चुका है और अब पात्र जनधन खाताधारकों को सूक्ष्म बीमा कवर किया जायेगा। देशभर में संबंधित बुनियादी ढांचा तैयार कर पीएमजेडीवाई खाताधारकों के बीच रुपे डेबिट कार्ड के उपयोग सहित डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के साथ ही फ्लेक्सी-आवर्ती जमा आदि जैसे माइक्रो निवेश और माइक्रो-क्रेडिट तक पीएमजेडीवाई खाताधारकों की पहुंच को बेहतर बनाने की तैयारी चल रही है।

15 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जन-धन योजना की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) की घोषणा की थी। 28 अगस्त को इस योजना की शुरुआत करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस मौके को गरीबों की एक दुष्चक्र से मुक्ति का उत्सव कहा था। इस वर्ष 10 अगस्त तक पीएमजेडीवाई खातों की कुल संख्या: 46.25 करोड़ थी जिसमें से 55.59 फीसदी (25.71 करोड़) जन-धन खाताधारक महिलाएं हैं और 66.79 फीसदी (30.89 करोड़) जन धन खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं। इस योजना के पहले वर्ष के दौरान 17.90 करोड़ पीएमजेडीवाई खाते खोले गए। पीएमजेडीवाई खातों की संख्या मार्च 2015 में 14.72 करोड़ से तीन गुना बढ़कर 10 अगस्त 2022 तक 46.25 करोड़ हो गई है जो वित्तीय समावेशन कार्यक्रम की दिशा में यह एक उल्लेखनीय यात्रा है।

दो साल में कोई लेनदेन नहीं तो खाता निष्क्रिय

आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि किसी पीएमजेडीवाई खाते में दो साल की अवधि में कोई ग्राहक लेनदेन नहीं करता है तो उस खाते को निष्क्रिय माना जाता है। अगस्त 2022 में कुल 46.25 करोड़ पीएमजेडीवाई खातों में से 37.57 करोड़ खाते 81.2 प्रतिशत चालू हैं। केवल 8.2 प्रतिशत पीएमजेडीवाई खाते शून्य शेष वाले खाते हैं। पीएमजेडीवाई खातों में कुल जमा शेष राशि 1,73,954 करोड़ रुपये है। इन खातों में 2.58 गुना वृद्धि के साथ इनमें जमा होने वाली धनराशि में अगस्त 2015 की तुलना में अगस्त 2022 में लगभग 7.60 गुना वृद्धि हुई है। हर जनधन खाते में औसतन 3,761 रुपये जमा है। अगस्त 2015 की तुलना में हर खाते में औसत जमा राशि में 2.9 गुना से अधिक बढ़ोतरी हुई है। PMJDY खाताधारकों को जारी किए गए रुपे कार्ड की कुल संख्या: 31.94 करोड़ है। समय के साथ रुपे कार्डों की संख्या और उनके उपयोग में बढ़ोतरी हुई है। बैंकों ने बताया है कि करीब 5.4 करोड़ पीएमजेडीवाई खाताधारक विभिन्न योजनाओं के तहत सरकार से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) प्राप्त करते हैं।

PMJDY की 8वीं वर्षगांठ पर सीतारमन ने कहा….

पीएमजेडीवाई की 8वीं वर्षगांठ पर सीतारमन ने कहा कि वित्तीय समावेशन समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है जो समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के समग्र आर्थिक विकास को सुनिश्चित करता है। 28 अगस्त 2014 से पीएमजेडीवाई की सफलता 46 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खुलने और उसमें 1.74 लाख करोड़ जमा होने से स्पष्ट पता चलती है। इसका विस्तार 67 फीसदी ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक हो चुका है और 56 फीसदी जनधन खाताधारक महिलाएं हैं। 2018 से आगे पीएमजेडीवाई के जारी रहने से देश में वित्तीय समावेशन परिदृश्य की उभरती चुनौतियों और आवश्यकताओं को पूरा करने के दृष्टिकोण में उल्लेखनीय बदलाव आया।

महिला PMJDY खातों में 20 करोड़ से अधिक अनुग्रह राशि जमा

इस योजना की प्रारंभिक विशेषताओं में बैंकिंग सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच- शाखा और बीसी। प्रत्येक पात्र वयस्क को 10,000 रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा के साथ बुनियादी बचत बैंक खाता। बीमा- 15 अगस्त 2014 से 31 जनवरी 2015 के बीच खोले गए खातों पर 1,00,000 रुपये तक का दुर्घटना बीमा और 30,000 रुपये का जीवन बीमा। असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन योजना। मार्च 2014 से मार्च 2020 के बीच खोले गए दो में से एक खाता पीएमजेडीवाई खाता था। देशव्यापी लॉकडाउन के 10 दिनों के भीतर लगभग 20 करोड़ से अधिक महिला पीएमजेडीवाई खातों में अनुग्रह राशि जमा की गई।

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